
‘शायद कुछ और तरीके हैं जिस पर ICC गौर करे’
तेज गेंदबाज गेंद को स्विंग कराने के लिए लार और पसीने का इस्तेमाल करते हैं। पसीने का अब भी इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन तेज गेंदबाजों का मानना है कि यह उतना प्रभावी नहीं है जितनी लार है। ली ने भारत के तेंदुलकर की ‘100एमबी’ ऑनलाइन ऐप से कहा कि शायद कुछ और तरीके हैं जिन पर आईसीसी गौर कर सकता है और गेंदबाजों की मदद कर सकता है। तेंदुलकर ने कहा कि शायद किसी नए पदार्थ का इस्तेमाल किया जाए जिस पर सभी की सहमति बने। जिससे बल्लेबाज भी खुश हों और गेंदबाज भी। तेंदुलकर ने साथ ही कहा कि जिन देशों में ठंड होती है वहां खेलने पर पसीने के इस्तेमाल का विकल्प भी नहीं होगा।
‘अंपायरों को गेंदबाजों को दो-तीन बार वॉर्निंग देनी चाहिए’
न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसे देशों का उदाहरण देते हुए तेंदुलकर ने कहा कि आपको वहां पसीना ही नहीं आएगा। जब मैं 1992 में यॉर्कशर की ओर से खेला था तो मैं मई की शुरुआत में वहां गया था और वहां का मौसम बर्फीला था। मैं होव में हुए मुकाबले को नहीं भूल सकता, उस समय मैंने पांच कपड़े पहने हुए थे। ली ने साथ ही कहा कि अंपायरों को गेंदबाजों के खिलाफ नरम रुख अपनाना चाहिए और कोई कार्रवाई करने से पहले गेंद पर लार लगाने की स्थिति में गेंदबाज को दो या तीन चेतावनी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि अगर खिलाड़ियों को कहा जाएगा कि ऐसा नहीं करना है तो वे जानबूझकर ऐसा नहीं करेंगे लेकिन मुझे लगता है कि आदत के कारण ऐसा हो सकता है।