
सचिन ने इस वजह से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे
कर्स्टन ने टॉकस्पोर्ट्स के पॉडकास्ट में कहा कि उनके (सचिन) साथ मेरी कोचिंग यात्रा शानदार रही। अगर मैं उस समय के सचिन तेंदुलकर की बात करूं, जब मैं भारत आया तो वो संन्यास लेने का मन बना चुके थे। उन्होंने कहा कि उनके अनुसार वह अपने क्रम पर बल्लेबाजी नहीं कर रहे थे, वह अपने क्रिकेट का बिलकुल भी आनंद नहीं उठा रहे थे। कर्स्टन ने मार्च 2008 में भारतीय टीम की कोचिंग पद की जिम्मेदारी संभाली थी और 2011 में उनके कोच रहते हुए ही भारत ने विश्व कप जीता था।
गैरी कर्स्टन के कार्यकाल में सचिन ने जमकर बरसाए रन
कर्स्टन जब तक भारतीय टीम के कोच थे, उस दौरान सचिन ने 38 वनडे मैचों में 1,958 रन बनाए थे। इसमें सात शतक (एक दोहरा शतक भी) शामिल है। उसी दौरान सचिन ने 31 टेस्ट मैचों में 12 शतकों सहित 2910 रन बनाए थे। कर्स्टन ने कहा कि तीन साल बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18 शतक लगाए। वह उस क्रम पर खेले, जहां पसंद करते थे और हम विश्व कप जीते। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ यही किया कि खिलाडियों को ऐसा माहौल दिया जाए कि वह प्रदर्शन करने को बेकरार हो। मैंने सचिन से कुछ नहीं कहा। वह अपने खेल को जानते थे। उन्हें सिर्फ माहौल की जरूरत थी। सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि पूरी टीम को। ऐसा माहौल जहां सब सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।