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जानें कृषि कानूनों में क्या-क्या बदलाव संभव, सरकार ने किसानों को भेजा प्रस्ताव

कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 14वें दिन भी जारी है. इस बीच सरकार ने किसानों को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें बताया गया है कि कानूनों में क्या बदलाव किया जा सकता है. किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी. बता दें कि आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला.

अमित शाह के साथ बैठक रही थी बेनतीजा
सरकार और किसानों के बीच आज (9 दिसंबर को) को छठे दौर की बातचीत होने वाली थी, लेकिन इस बीच मंगलवार देर शाम को उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब अचानक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक की खबर आई. किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि पांच देशभर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे. बैठक रात आठ बजे शुरू हुई, लेकिन यह बातचीत भी बेनतीजा रही.

सरकार ने भेजा लिखित प्रस्ताव
सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का जिक्र किया गया है. इसके अलावा सरकार की ओर से प्रस्ताव में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई है. इसके साथ ही सरकार ने किसानों को छठे दौर की बातचीत के लिए निमंत्रण दिया है. किसान और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत कल सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में हो सकती है.

कानूनों में क्या बदलाव कर सकती है सरकार​

सिंघु बॉर्डर पर होगी किसान नेताओं की बैठक
सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद अब किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी. इसके बाद आगे की रणनीति का ऐलान किया जाएगा. इसके साथ ही 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान इस बात का फैसला करेंगे कि सरकार के साथ आगे की वार्ता होनी है या फिर नहीं.

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