मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी. हाल ही में इसके नतीजे आए हैं. नतीजों को लेकर बड़ा विवाद हो गया है.
इंदौर में गुरुवार सुबह हजारों की संख्या में छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया. छात्र यहां पर पटवारी परीक्षा में हो रहे घोटालों के विरोध में इकट्ठा हुए हैं. छात्र जोर जोर से सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और परीक्षाओं में गड़बड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स ने दोपहर करीब 12.30 बजे कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया.
प्रदर्शनकारी छात्र तीन घंटे तक सड़क पर ही बैठे रहे. एसडीएम अंशुल खरे ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारी कलेक्टर को बुलाने पर अड़ गए. आखिरकार कलेक्टर इलैया राजा टी को ज्ञापन दिया. घेराबंदी के चलते कलेक्टर ऑफिस इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई, लंबे समय तक जाम लगा रहा.
अब सीएम हाउस का घेराव करेंगे छात्र
प्रदर्शनकारियों ने मांग की है यदि पटवारी भर्ती में फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच नहीं हुई तो अगली बार सीएम हाउस का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा कि कानून बनाकर पेपर लीक के दोषी को उम्रकैद की सजा कराई जाए.
क्या है मामला
पटवारी भर्ती में सत्तारूढ़ दल बीजेपी के एक विधायक के परीक्षा केंद्र से न सिर्फ 114 अभ्यार्थियों का चयन हो गया है, बल्कि टॉप टेन में 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आए हैं. सभी ‘टॉपर्स’ के स्कोर करीब-करीब एक जैसे होने से गड़बड़ियों की आशंका गहरा गई है. विवाद में आए बीजेपी के विधायक का नाम संजीव सिंह कुशवाहा हैं. वे भिंड शहर से विधानसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. साथ ही ग्वालियर में एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट का संचालन करते हैं. मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी. हाल ही में इसके नतीजे आए हैं. नतीजों को लेकर बड़ा विवाद हो गया है.
कांग्रेस ने की परीक्षा रद्द करने की मांग
प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक ही सेंटर से इतने टॉपर्स का आना, वो भी उनके जिनके सबके हिंदी में हस्ताक्षर हैं और अंग्रेजी में नंबर ज्यादा आए हैं. घोटाले की शंका को गहरा कर रहा है. अरुण यादव ने कहा व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होते. उसके लिए कार्रवाई करनी पड़ेगी. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं, क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप दो, सब ग्रुप चार की चयन परीक्षा की मेरिट लिस्ट जारी किए जाने के बाद इसे ‘व्यापम-2 घोटाला’ करार दिया है. अरुण यादव ने ट्वीट कर परीक्षा, बीजेपी विधायक और शिवराज सरकार को आड़े हाथों लेकर कठघरे में खड़ा किया है. कांग्रेस ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
छात्रों की भीड़ जुटने के पीछे कांग्रेस का सोशल मीडिया विंग
कांग्रेसी युवाओं का सोशल मीडिया विंग भर्ती घोटाला उजागर करने के लिए अभियान चला रहा है. इस मामले से जुड़ी पोस्ट लगातार की जा रही हैं. इनमें अपील की जा रही है कि छात्र जागरूक होंगे तभी घोटाले रुकेंगे.
