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प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, इस महीने हट सकता है ट्रांसफर से बैन

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प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, इस महीने हट सकता है ट्रांसफर से बैन

भोपाल

 मध्यप्रदेश में लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए एक जरूरी खबर है। मध्यप्रदेश में जल्द ही तबादलों पर लगा बैन हट सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी 2025 तैयार कर ली है और सीएम मोहन यादव की सलाह पर इसमें कुछ आंशिक बदलाव कर इसे अप्रैल के ही महीने में कैबिनेट में लाने की तैयारी है। बता दें कि मध्यप्रदेश में बीते 3 साल से तबादलों पर बैन लगा हुआ है।

इसी महीने हट सकता है बैन !
जानकारी के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति 2025 तैयार कर ली है। इसे इस माह के अंत तक राज्य शासन की मंजूरी के लिए कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही प्रदेश में तबादलों पर लगा बैन हटाया जा सकता है। पॉलिसी के अनुसार करीब 15 दिन से एक महीने तक तबादलों से प्रतिबंध हटाया जा सकता है। बता दें कि आखिरी बार तबादला नीति 2021-22 में लागू की गई थी।

किनके लिए होगी फायदेमंद?
यह नई नीति खासतौर पर उन सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगी, जो दो साल से ज्यादा समय से ट्रांसफर बैन के चलते एक ही जगह अटके हुए थे. अब वे स्वेच्छा से ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे और विशेष परिस्थितियों में मनचाही जगह पोस्टिंग भी मिल सकती है. शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की जाएगी, जिससे व्यवस्था पारदर्शी होगी और कर्मचारियों को आसानी मिलेगी.

किसके लिए बनेगी परेशानी?
नई पॉलिसी उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मुश्किल बन सकती है, जो पिछले 3 साल या उससे ज्यादा समय से एक ही पद पर जमे हुए हैं. सरकार का इरादा है कि ऐसे सभी अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाए और जरूरत पड़ी तो उन्हें दूसरे जिलों में भी भेजा जाएगा. साथ ही, किसी भी विभाग में कुल कर्मचारियों के सिर्फ 10% का ही तबादला किया जा सकेगा. इसका मतलब ये है कि सबको ट्रांसफर नहीं मिलेगा, सिर्फ उन्हीं को मौका मिलेगा जो इस श्रेणी में आते हैं.

क्या मिलेगा ट्रांसफर पर भत्ता?
आपको बताते चलें कि नई नीति में ये भी तय किया गया है कि स्वेच्छा से ट्रांसफर लेने वाले कर्मचारियों को कोई भत्ता नहीं दिया जाएगा. लेकिन जिनका ट्रांसफर प्रशासनिक वजहों से किया जाएगा, उन्हें सरकार की ओर से भत्ते की सुविधा दी जाएगी. वहीं, ट्रांसफर की प्रक्रिया में मंत्रियों की भूमिका अहम होगी. अपने विभाग के कर्मचारियों का ट्रांसफर मंत्री कर सकेंगे. गजेटेड अधिकारियों ( उच्च स्तर के प्रशासनिक या प्रबंधकीय पदों पर होते हैं) के ट्रांसफर के लिए मुख्यमंत्री की सहमति जरूरी होगी.

तबादला नीति में ये बिंदू हो सकते हैं शामिल

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