विवेक झा, भोपाल, 14 अक्टूबर 2025।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नियोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए इलेक्ट्रॉनिक चालान और रिटर्न (ईसीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 22 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी है। यह निर्णय उन नियोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिन्हें हाल ही में शुरू की गई संशोधित ईसीआर प्रणाली को अपनाने में तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
ईपीएफओ ने सितम्बर 2025 के वेतन माह से नई ईसीआर प्रणाली लागू की है, जिसका उद्देश्य रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाना है। यह प्रणाली ईपीएफओ के नियोक्ता पोर्टल के माध्यम से नियोक्ताओं को ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने में आसानी प्रदान करेगी।
ईपीएफओ के अनुसार, नई प्रणाली के अंतर्गत डेटा प्रोसेसिंग को स्वचालित किया गया है, जिससे त्रुटिरहित और समयबद्ध रिटर्न दाखिल संभव हो सकेगा। हालांकि, देश भर के अनेक प्रतिष्ठानों द्वारा नई तकनीक अपनाने में आई दिक्कतों के मद्देनज़र संगठन ने समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
जागरूकता कार्यक्रमों से बढ़ेगी समझ
संशोधित ईसीआर प्रणाली में सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए ईपीएफओ ने देशभर में जागरूकता कार्यक्रमों और कार्यशालाओं की श्रृंखला प्रारंभ की है। इन कार्यक्रमों में नियोक्ताओं को नई प्रणाली की विशेषताओं, डाटा फाइलिंग प्रक्रिया और तकनीकी आवश्यकताओं की जानकारी दी जा रही है।
भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। कार्यालय द्वारा नियोक्ताओं और प्रतिष्ठान प्रतिनिधियों के साथ संवादात्मक सत्र और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं ताकि वे नई प्रणाली को आसानी से समझ सकें और रिटर्न समय पर दाखिल कर सकें।
22 अक्टूबर तक इंतजार न करें: आयुक्त काश्यप
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त रौशन काश्यप ने बताया कि जिन नियोक्ताओं को किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या या जानकारी की आवश्यकता हो, वे ईपीएफओ कार्यालय या ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने सभी नियोक्ताओं से आग्रह किया कि 22 अक्टूबर की अंतिम तिथि तक प्रतीक्षा न करें, बल्कि यथाशीघ्र ईसीआर दाखिल करें।
श्री काश्यप ने कहा कि ईपीएफओ का लक्ष्य है कि किसी भी प्रतिष्ठान को रिटर्न दाखिल करने में कठिनाई न आए और हर नियोक्ता नई प्रणाली के साथ सहज अनुभव प्राप्त करे।
सुधारित प्रणाली के लाभ
नई ईसीआर प्रणाली से
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रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया तेज़ और अधिक पारदर्शी होगी।
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तकनीकी त्रुटियों और मानव हस्तक्षेप में कमी आएगी।
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डेटा की सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
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नियोक्ताओं को अपने रिटर्न की स्थिति रीयल टाइम में देखने की सुविधा मिलेगी।
इस तिथि विस्तार से ईपीएफओ ने स्पष्ट कर दिया है कि संगठन नियोक्ताओं के हितों और उनकी तकनीकी सुविधा के प्रति संवेदनशील और सहयोगी दृष्टिकोण रखता है। यह कदम न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देगा बल्कि ईपीएफओ की डिजिटल रूपांतरण यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
