बता दें कि यूक्रेन युद्ध को लेकर जी-20 देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं, जिनकी वजह से साझा बयान जारी होने की संभावनाएं काफ़ी कम नज़र आ रही हैं.
ख़बर के मुताबिक़, सूत्रों ने बताया है कि साझा बयान जारी कराने की कोशिश करना अपने आपमें काफ़ी महत्वाकांक्षी प्रयास था क्योंकि पिछले हफ़्ते बेंगलुरु में हुई वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक के बाद साझा बयान जारी करने पर सहमति नहीं बन पाई थी.
रूस और चीन ने अध्यक्षीय सारांश और आउटकम डॉक्यूमेंट के उन दो पैराग्राफ़ पर आपत्ति जताई थी, जिनमें यूक्रेन में जारी रूसी ‘युद्ध’ का ज़िक्र किया गया था.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बीते गुरुवार प्रेस वार्ता में कहा, “रूस और यूक्रेन संघर्ष के बदलते हालात को ध्यान में रखते हुए हमें लगता है कि विदेश मंत्री स्तर की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी.