हत्या के प्रयास के दोषी धार के कांग्रेस के पूर्व विधायक बालमुकुंद गौतम, उनके दो भाई सहित छह लोगों को इंदौर विशेष न्यायालय ने सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। हंगामे की आशंका के चलते शनिवार शाम विशेष न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले ही जिला न्यायालय में कई थानों से पुलिस बल बुलवा लिया गया था। पुलिस के आला अधिकारी भी जिला न्यायालय पहुंच गए थे।
तीन आरोपितों को किया बरी
पुलिस ने इस मामले में सभी नौ आरोपितों के खिलाफ हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज किया था। शनिवार को विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने नौ में से छह दोषियों को हत्या के प्रयास में सात-सात वर्ष कठोर कारावास और आठ-आठ हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। विशेष कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में चंद्रभूषण, जीतू व शैलेंद्र उर्फ पिंटू को बरी कर दिया। इन तीनों की ओर से एडवोकेट अजय शंकर उकास ने पैरवी की थी।
इसी मामले में बालमुकुंद गौतम ने भी दूसरे पक्ष के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी। इसमें कहा था कि आरोपित चंदन सिंह, अर्जुन, अर्जुन पुत्र बद्री, कैलाश सोलंकी, सुरेश सोलंकी, बहादुर, समंदर, घनश्याम राजपूत, महेंद्र सिंह, राहुल, रघुनाथ, इंदर सिंह और अर्जुन राजपूत ने उस पर और उसके साथियों पर गोली चलाई। इसमें घनश्याम उर्फ बबलू चौधरी नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हालांकि, हत्या का आरोप सिद्ध नहीं हो सका। विशेष न्यायालय ने इस मामले में सभी आरोपितों को बरी कर दिया है।
news by : mahendra vishwakarma