भारतीय फिल्में हमारे बच्चों के मन पर छाप छोड़ती हैं. इसलिए ऐसी फिल्में बनाई जाएं, जिससे उनके संस्कारों में वृद्धि हो. यह बातें मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में आदिपुरुष फिल्म को लेकर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कही.
राजगढ़ के खिलचीपुर में तीन दिनों के लिए हनुमंत कथा सुनाने के लिए आए बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी आदिपुरुष फिल्म में हनुमान जी के रोल और डायलॉग लिखने वालों के ऊपर निशाना साधा है. उन्होंने कथा के दौरान फिल्म का जिक्र करते हुए कहा, आदिपुरुष फिल्म में हनुमानजी पर दिखाए गए सीन और डायलॉग ऐसे हैं कि अगर हनुमानजी कहीं होंगे और इस फ़िल्म को लिखने वाला कहीं अगर फंस गया तो फिर सीताराम, उसमें हनुमानजी को ऐसा बनाया की वीर बजरंगी ही बचाए.
उन्होंने कहा, हमने पूरी फिल्म तो देखी नहीं, लेकिन किसी ने हमें दिखाई है. हमें देखकर इतनी हंसी आई कि अगर हनुमानजी कहीं होंगे तो जिन्होंने इस फिल्म को लिखा है और अगर वो फंस गए, गो जय जय सीताराम.
उन्होंने कहा, जिन्होंने लिखा है हनुमान जी के बारे में तेल तेरे बाप का, हनुमान जी बोलने में कटु है. लेकिन इतने भी कटु थोड़ी हैं. हनुमान जी बहुत ज्ञानी, बहुत बुद्धिमान हैं. हनुमान जी तर्क देने में बहुत अच्छे हैं, हनुमान जी पर ऐसे भी तर्क मत दिया करो की तर्क ही खराब लगे. हम तो यही कहेंगे हनुमान जी सद्बुद्धि दें, भारतीय फिल्म हमारे बच्चों के दिमाग पर छाप छोड़ती हैं. इसलिए भारत में अब ऐसी फिल्में बनाई जाएं, जिससे संस्कारों की वृद्धि हो और सनातन का संरक्षण हो सके. हमारे वीर बजरंगी भगवान हैं, कोई माने न माने पर भक्तों के लिए तो हैं.