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Indore News: एमटीएच हॉस्पिटल में दो बच्चों की मौत होने से बवाल, छह दिन में 20 बच्चों की जान गई

एमटीएच हॉस्पिटल MTH HOSPITAL में बच्चों की मौत पर परिजन ने हंगामा किया और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. हंगामे को नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर को अमला भेजना पड़ा. बताया जा रहा है कि एमटीएच में पिछले छह दिनों के भीतर ही 20 बच्चों की मौत हुई है. गुरुवार को दो बच्चों की मौत के बाद परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे. एक बच्पचे के परिजन ने आरोप लगाया कि नर्सों ने देर रात एक बच्चे को पाउडर मिलाकर इंजेक्शन से दूध मुंह में प्रेशर से डाल दिया था. जो बच्चे के गले में जाकर अटक गया, जिससे उसकी मौत हो गई. यह भी कहा कि यहां खराब दूध की वजह से बच्चों की मौत हो रही है. अस्पताल में हंगामा करते हुए परिजन ने नर्स और डाक्टर्स से भी झूमाझटकी की. वहीं प्रबंधन अभी एक बच्चे की मौत फीडिंग के दौरान और दूसरे की मौत का कारण निमोनिया बताया रहा है.

हर महीने 30 बच्चों की मौत

अस्पताल ने जारी बयान में बताया है कि हर महीने 600 के लगभग बच्चे भर्ती होते हैं जिनमें से 20 से 30 बच्चों की मौत विभिन्न कारणों से होती है. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से एसोसिएट प्रोफेसर सुनील आर्य ने बताया कि कहना है कि 24 घंटे के अंदर दो बच्चों की मौत हुई है और परिजन के आरोप गलत है. बच्चों की मौत का कारण दूध नहीं था. इस विषय पर अस्पताल का कहना है कि यदि बच्चे के फेफड़े कमजोर होते हैं तो दूध पिलाते वक्त कई बात उसे तेज खांसी आने या फिर दूथ आहार नली में चले जाने की वजह से उसके लिए गंभीर मामला हो जाता है. मिलावट वाला दूथ देने के सभी आरोप गलत हैं. 

परिजन ने लगाए लापरवाही के आरोप

बच्चों की मौत के मामले में परिजन ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजन का कहना है कि बच्चे की तबियत बिगड़ने पर भी नर्स उसे देखने नहीं आई और मोबाइल में गाने सुनती रही. बच्चे को समय पर इलाज मिल जाता तो यह हादसा नहीं होता. 

कलेक्टर ने भेजा सुरक्षा अमला

अस्पताल में हंगामे के बाद कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि लापरवाही से कई बच्चों की मौत का मामला गलत है. जो लोग हंगामा कर रहे हैं उन्हें नियंत्रित करने के लिए अमला भेजा गया है. अस्पताल में अभी बड़ी संख्या में बच्चे और माताएं भर्ती हैं उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है. दो बच्चों की मौत के मामले में परिजन ने जो आरोप लगाए हैं उनकी भी जांच कर रहे हैं. 

मां ने कहा कि रातभर नहीं मिला इलाज

अपने नवजात बच्चे को खो चुकी मां ने आरोप लगाए कि बच्चे की तबियत रात में खराब थी लेकिन कोई उसे देखने के लिए नहीं आया. रातभर उसे इलाज नहीं मिल सका. सुबह जब डाक्टर आए तो उन्होंने बताया कि बच्चे की सांस बहुत तेज चल रही है और इसके बाद उसे आईसीयू में ले गए लेकिन वह बच नहीं सका. मां ने कहा कि रात में नर्स ने पाउडर मिलाकर इंजेक्शन से बच्चे को दूध पिलाया था जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई थी. 

केस 1 – कैंटीन से दूध लाकर पिलाया और बच्चे ने दम तोड़ दिया

पीथमपुर निवासी मनोज वानखेड़े ने बताया कि उनका बच्चा 21 घंटे का था. वे कैंटीन से दूध लाए और उन्होंने बच्चे को दूध पिलाया जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे के फेफड़े में दूध जम गया था जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई. 

केस 2 – पूजा पति जितेन्द्र ने आरोप लगाए कि नर्स ने बच्चे को इंजेक्शन के माध्यम से पाउडर का दूध पिलाया जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई. तबियत बिगड़ने के बाद भी रातभर कोई डाक्टर उसे देखने नहीं आए. सुबह उसे आईसीयू में ले गए जहां पर उसने दम तोड़ दिया. पूजा का बेटा 27 दिन का था जिसे दस्त की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था. 

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