indiaprime24.com

हर 4 मिनट में 3 बच्चों का IVF से जन्म:आईवीएफ सेंटर कम पड़ रहे, लंबी वेटिंग लिस्ट; 1978 में शुरू हुई ये तकनीक

दुनिया में इस वक्त 1.20 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने जीवन की शुरुआत मां के गर्भ से नहीं बल्कि किसी लैब के जार से की है। दुनिया भर में हर 3 मिनट में 4 ऐसे बच्चों का जन्म हो रहा है। 1978 से शुरू हुई इस आईवीएफ तकनीक की मांग अब इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लगातार बढ़ते आईवीएफ सेंटर्स मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं और लोग वेटिंग में हैं।

दुनिया के कई देशों में एलजीबीटी समुदाय को कानूनी मान्यता मिल गई है। इसके बाद उनके माता-पिता बनने की चाहत भी आईवीएफ के जरिए पूरी हो रही है। जेनेटिक बीमारियों से परेशान लोगों को आ‌ईवीएफ तकनीक ज्यादा सुरक्षित लगने लगी है।

महिलाओं की मां बनने की बढ़ती उम्र ने बढ़ाई IVF की मांग

कोलंबिया विश्वविद्यालय के फर्टिलिटी सेंटर के जेव विलियम्स कहते हैं- 1990 के बाद जबसे भ्रुण में सेल्स को हटाने की तकनीक विकसित हुई, अगली पीढ़ी को आनुवांशिक रोगों से बचाने के लिए लोग आईवीएफ के जरिए संतान पाने की कोशिश करने लगे। इससे आनुवांशिक रोगों से मुक्त बच्चे पैदा हो रहे हैं।

लेकिन इन सबसे ज्यादा महिलाओं की मां बनने की बढ़ती उम्र की वजह से आईवीएफ की मांग दुनिया भर में बढ़ी है। इंग्लैंड और वेल्स में पहले बच्चे की मां बनने की औसत उम्र 29 साल है। चीन के शंघाई में 30 साल और अमेरिका में 35 साल हो गई है।

Exit mobile version