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प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

प्रत्येक-माह-की-9-और-25-तारीख-को-गर्भवती-महिलाओं-का-नियमित-स्वास्थ्य-परीक्षण-सुनिश्चित-किया-जाए:-उप-मुख्यमंत्री-शुक्ल

प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

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भोपाल
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में देश के शीर्ष राज्यों में लाने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत प्रत्येक माह की 9 और 25 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये होटल पलाश भोपाल में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान कर फॉलोअप करें सुनिश्चित
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने निर्देश दिये कि गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान कर उन्हें समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा दी जाए और उनका फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए। इससे माताओं एवं नवजात शिशुओं को सुरक्षित रखा जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गर्भस्थ भ्रूण का लिंग परीक्षण एक दंडनीय अपराध है और इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।

टीम-वर्क, समर्पित प्रयास से स्वास्थ्य मानकों में मध्यप्रदेश बनेगा अग्रणी
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि टीम वर्क, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी और एकजुट प्रयासों से मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा होगा। मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पीसीपीएनडीटी अधिनियम, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी प्रबंधन एवं स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार को लेकर गहन मंथन किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर और विधिवत प्रदाय, समयबद्ध चिन्हाकन, नियमित जाँच और फॉलोअप सेवा से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में सुधार के सशक्त प्रयास किये जायेंगे।कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पीसीपीएनडीटी नोडल अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डीपीएम, विभागीय अधिकारी और सलाहकारों ने भाग लिया।

 

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