परिवारवाद को लगा निकाय चुनाव में झटका
मध्यप्रदेश समेत देशभर में बीजेपी ने परिवादवाद का फॉर्मूला लागू किया है…और एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का ऐलान किया…हालांकि बीजेपी के इस फॉर्मूले को पार्टी के दिग्गज नेताओं ने दरकिनार करते हुए अपने रिश्तेदारों को बिना सेंबल वाले चुनाव लड़ाने के फैसला लिया…और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में कई दिग्गजों को रिश्तेदारों ने हाथ आजमाया…लेकिन पंचायत चुनाव के पहले चरण में जनता ने दलों की तरह ही परिवारवाद को नकार दिया…जिसके चलते कई दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को हार का सामना करना पड़ा…हालांकि हार औऱ जीत का अधिकृत ऐलान अभी नहीं हुआ है…लेकिन पहले चरण के मतदान में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे समेत कई नेताओं के रिश्तेदारों को हार का सामना करना पड़ा…तो चलिए जानते हैं पहले चरण के मतदान में कितने रिश्तेदारों को जनता ने नकारा…
पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान में जनता ने दिग्गजों के रिश्तेदारों को नकार दिया…लेकिन अभी भी कई नेताओं को रिश्तेदारों की किस्मत का फैसला होना बांकी है…जैसे मंत्री विजय शाह के बेटे की किस्मत का फैसला होना बांकी है…हालांकि पहले चरण के मतदान के बाद दोनों दलों ने एक दूसरे पर हमला करने शुरू कर दिया है…साथ ही अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं…
जाहिर है कि इस बार गांव की जनता चेहरों पर नहीं बल्कि बदलाव पर वोट कर रही है…हालांकि ये नतीजे अघोषित तौर पर आए हैं…और निर्वाचय आयोग की तरफ से 14 और 15 जुलाई को औपचारिक ऐलान होगा…लेकिन फिलहाल दिग्गजों के रिश्तेदारों की हार ने सियासी समीकरण बदल दिए हैं…साथ ही उन नेताओं को सचने के लिए भी मजबूर कर दिया है, जो बैकडोर से अपने रिश्तेदार को राजनीति में लाना चाहते है…