भोपाल। मप्र सरकार सहरिया आदिवासी के साथ-साथ बैगा और भारिया आदिवासी महिलाओं को भी हर महीने एक हजार रुपए दिए जाएंगे। सहरिया के साथ बैगा और भारिया जनजाति भी संरक्षित श्रेणी में आती है। कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव की वजह से सहरिया जनजाति पर विशेष फोकस किया गया, लेकिन पिछले दिनों कैबिनेट में सहरिया के साथ-साथ बैगा और भारिया जनजाति के लोगों को भी पोषण के लिए राहत देने का फैसला किया गया।
जनजाति कल्याण विभाग के मुताबिक इस फैसले से भारिया और बैगा आदिवासी के लगभग ढाई लाख परिवार की महिला मुखिया को यह राशि दी जाएगी। पूरे प्रोजेक्ट में हर साल करीब 500 करोड़ स्र्पए का खर्च आएगा। सूत्रों के मुताबिक पहले सिर्फ सहरिया जनजाति को ही यह पैकेज देने का फैसला होना था, लेकिन विशेष पिछड़ी जनजातियों में बैगा और भारिया के शामिल होने की वजह से इसे भी इस योजना में शामिल किया गया।
गौरतलब है कि सहरिया, बैगा और भारिया आदिवासियों में साक्षरता की दर भी बेहद कम है, वहीं ये आदिवासी दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं। इन जनजाति के परिवार की महिला मुखिया को एक हजार स्र्पए इन जनजातियों में पोषण का स्तर सुधारने के लिए दिए जा रहे हैं। तीनों ही जनजातियों में कुपोषण एक बड़ी समस्या बना हुआ है।