विवादों के बाद संजय लीला भंसाली की फिल्म कई जगह रिलीज हो चुकी है। इस दौरान राजस्थान के दो प्रमुख इतिहासकारों ने भी ये फिल्म देखी। इन इतिहासकारों का कहना है कि कट्स के बाद अब इस फिल्म में ऐसी कोई बात नहीं रहीं जिस पर आपत्ति जताई की जाए।
राजस्थान के प्रमुख इतिहासकार आर.एस. खंगारोत और बीएल गुप्ता ने आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के कहने पर इस फिल्म को बैंगलूरू में देखा। फिल्म देखने के बाद खंगारोत का कहना है कि इस फिल्म में जो आवश्यक कट्स लगाए जाने थे, वे लगा दिए गए हैं। इतिहास के नजरिए से इसमें किसी तरह की कोई कमी नहीं है। कट्स लगाने के बाद फिल्म जो दिखाया गया है वो सही है। मैं नहीं मानता इसके बाद किसी समाज या किसी वर्ग को इससे कोई आपत्ति होनी चाहिए।