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भोपाल नगर निगम : 2 अपर आयुक्त, सिटी प्लानर, 3 इंजीनियर निलंबित

कम्प्लीशन सर्टिफिकेट घोटाले मामले में अपर आयुक्त मलिका निगम नागर, वीके चतुर्वेदी, तत्कालीन सिटी प्लानर जीएस सलूजा की सेवाएं उनके मूल विभाग में वापस करने सहित विभागीय जांच होगी। साथ ही सहायक यंत्री एके साहनी, सहायक यंत्री संजय तिवारी, उपयंत्री बीएस त्रिपाठी को निलंबित करने के साथ ही इनकी भी विभागीय जांच होगी।

मंगलवार को निगम परिषद की बैठक में जांच रिपोर्ट पटल पर रखी गई। रिपोर्ट में 17 बिल्डरों के ज्यादा अधूरे प्रोजेक्ट को आधार बनाकर निरस्त करने और 21 प्रोजेक्ट में आंशिक काम बचे होने के कारण एक माह की मोहलत देने की सिफारिश की गई। जिसे परिषद में पारित कर दिया गया। जिन प्रोजेक्ट्स को मोहलत दी गई है, उन्हें बिल्डअप एरिया का कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से 0.5 प्रतिशत का अर्थदंड भी वसूला जाएगा। हालांकि परिषद ने सभी 38 प्रोजेक्ट्स के सर्टिफिकेट को निरस्त करने की मांग रखी लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। यह 38 प्रोजेक्ट जोन नंबर 18 और 19 के हैं।

महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि कोई भी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से अधिकारी समझ जाएं कि न गलत करेंगे न करने देंगे। इस कार्रवाई से निगम में गड़बड़ी करने वालों पर रोक लगेगी। उन्होंने अन्य जोन में जारी सर्टिफिकेट की जांच कराने के भी आयुक्त को निर्देश दिए। आर्किटेक्ट द्वारा जारी परमिशन की गड़बड़ी की भी जांच होगी।

इन प्रोजेक्ट के निरस्त हुए सर्टिफिकेट

आम्र ईडन पार्क फेज वन, सागर प्रीमियम फेस 2, बिंडसर अरेलिया, सिग्नेचर रेसीडेंसी, सिग्नेचर 99, पार्क सिरीन, आम्रवैली सनखेड़ी, फारच्यून सौम्या हाउसिंग (हेरिटेज) होशंगाबाद रोड, सिग्नेचर 360 ग्राम बर्रई आर्चर्ड पाइंट पैलेस कोलार, क्रिस्टल ग्रीन कॉलोनी ग्राम बगली, पवित्र परिसर, स्प्रिंग वैली, आधार सिमफनी, इंद्रप्रस्थ हाईट्स, अमरीन होम्स, हार्मोनी। इसमें रामायण हाईट्स को स्टे के कारण राहत दी गई है।

निरस्त करने की यह बताई वजह

इन 17 प्रकरणों में शेष बचे निर्माण कार्य अधिक हैं। इनमें अग्नि सुरक्षा, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, विद्युतीकरण, लिफ्ट आदि के कार्य शेष हैं। इनके कार्य पूर्णता प्रमाण पत्रों को धारा 25 के तहत निरस्त करने की आयुक्त ने सिफारिश की थी।

21 बिल्डरों को पैनाल्टी के साथ एक माह में काम पूरा करने की मोहलत

इसमें सिग्नेचर ग्रीन, विराशा हाईट्स, प्राईड सिटी फेज 2, फारच्यून सौम्या हाउसिंग (हेरिटेज) होशंगाबाद रोड, सागर गोल्ड पाम, फारच्यून सौम्या हाउसिंग अटलांटिस, सिग्नेचर सिटी, पेवल वे, रिद्म पार्क, हेवंस लाईफ, रामायण साउथ ऐवेन्यू फेज 2, नंद विहार, सिल्वर स्टेट वार्टिका, प्राईड सिटी, फारच्यून सौम्या हाउसिंग अटलांटिस, दीपमोहनी विक्ट्री पार्क, इंद्रप्रस्थ कालोनी, रामायण साउथ ऐवेन्यू फेज टू, विधान ऐलीना, प्रियदर्शिनी प्रिस्टीम, शंकराचार्य फ्लावर सिटी।

मोहलत देने के लिए यह दिया तर्क

इन 21 प्रकरणों में चूंकि बचा हुआ निर्माण कार्य आंशिक स्वरूप है। इन प्रकरणों में जारी किए कम्प्लीशन सर्टिफिकेट को निरस्त करने का पर्याप्त आधार नहीं है। इसलिए इन्हें एक महीने का समय देते हुए शेष काम को पूरा करने की मोहलत दिया जाए। पार्षदों की मांग पर यह निर्णय पर पैनाल्टी तय की गई।

एक को मिली राहत, अन्य का नहीं मिला स्थगन आदेश

मेसर्स राजेश सिंह भदौरिया की की तरफ से रामयण हाईट्स मामले में हाईकोर्ट से स्टे लिया जा चुका है, इसको छोड़कर 16 प्रोजेक्ट निरस्त कर दिए गए। हालांकि सूत्रों के मुताबिक रामायण हाईट्स को आधार बनाकर अन्य 20 प्रोजेक्ट में स्थगन के लिए बिल्डर जिला सत्र न्यायालय से स्थगन की मांग की है। लेकिन इस संबंध में परिषद में आदेश नहीं मिला और प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

यह है मामला

पिछली परिषद में कम्प्लीशन सर्टिफिकेट घोटाला का मामल उठा था। महापौर आलोक शर्मा ने जांच के आदेश दिए थे। निगम आयुक्त ने भौतिक सत्यापन के आधार पर जांच कमेटी बनाकर जांच कराई थी। फिर आयुक्त ने बिल्डरों का पक्ष लेने के लिए सुनवाई भी की थी। अंत में अपनी सिफारिश के रिपोर्ट परिषद के पटल पर रखी गई। जिसके आधार पर परिषद ने पास कर दिया।

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