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अमेरिका ने पाक को चेताया- ‘तालिबान को देश से उखाड़ फेंके, वर्ना भुगते अंजाम’

NEW YORK, NY - AUGUST 15: US President Donald Trump delivers remarks following a meeting on infrastructure at Trump Tower, August 15, 2017 in New York City. He fielded questions from reporters about his comments on the events in Charlottesville, Virginia and white supremacists. (Photo by Drew Angerer/Getty Images)

आतंक के मुद्दे पर अमेरिका पाकिस्तान पर लगाम कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। इस बार अमेरिका ने तालिबान को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी है।

अमेरिका के साफ लफ्जों में पाकिस्तान को कह दिया है कि वो अपने मुल्क से तालिबान जैसे आतंकी संगठन को निकाल फेंके, वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार हो जाए। ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने आज सीनेट में सासंदों के साथ हुए बैठक में ये बातें कहीं। स्टेट विभाग के उप सचिव जॉन सुलिवन यहां, पाकिस्तान के द्वारा आतंकियों को दिए जा रहे समर्थन पर सांसदों के सवालों का जवाब दे रहे थे। सुलिवन ने इसके जवाब में कहा कि “हमने पाकिस्तान के साथ कई बार इस मुद्दे पर चर्चा की है। पाकिस्तान समझता है कि हम क्या चाहते हैं.. उन्होंने आगे कहा कि हमारी तरफ से रक्षा सहायता निलंबन तब तक जारी रहेगी जब तक हमें इसके खिलाफ सबूत मिलते रहेंगे।”

जब तक सबूत मिलेंगे निलंबन जारी रहेगा-

स्टेट विभाग के उप सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ कई बार चर्चा की है, लेकिन अब तक आतंकवाद के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। विदेश संबंध समिति के चेयरमैन सांसद बॉब कोर्कर ने ट्रंप प्रशासन के साउथ एशिया नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले एक सैन्य सहायता राशि पर रोक लगा दी है, जो एक अच्छा निर्णय है।

कोर्कर ने ओबामा प्रशासन के बाद से ही एफ-16 लड़ाकू विमान को पाकिस्तान को बेचने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम पाकिस्तान की कूटनीति को ध्वस्त करने और अफगानिस्तान पर हमारे प्रयासों पर खतरे को कम करने के लिए उठाया गया था।

पाकिस्तान पर संदेह-

पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर पाकिस्तान को दी जाने वाली लगभग 2 अरब अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता राशि पर रोक लगा दी थी। हालांकि सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के रैंकिंग ऑफिसर सांसद बेन कार्डिन ने, ‘अंदेशा जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन की इस प्रकार की नीति कारगर नही भी हो सकती है। क्या प्रशासन को यकीन है कि सुरक्षा सहायता का एक सरल निलंबन पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध कर पाएगा? ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। हमने पिछले 16 साल से कई बार प्रयास किया है। मुझे बहुत कम ही भरोसा है कि इस तरह के कदम से कुछ बदलाव आएंगे।’

तालिबान से शांति वार्ता करने में सक्षम पाक-

सुलिवन ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान की तरफ से आतंक के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है, तो ट्रंप प्रशासन निलंबन को हटाने पर भी विचार कर सकता है। सुलिवन ने कहा कि अमेरिका किसी भी देश के द्वारा किसी दूसरे देश में आतंकी हमले करने का विरोध करता है।’ हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान निश्चित रुप से तालिबान को शांति वार्ता में शामिल करने के लिए सक्षम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान खुद भी आतंकवादी हमलों से पीड़ित है। मैं समझता हूं कि पाकिस्तान के लिए यह एक नाजुक समय है। हम उनके प्रयासों की सहायता के लिए जो कर सकें करना चाहते हैं और हमने उन्हें मौद्रिक और अन्य सहायता प्रदान की है।’

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