नई दिल्ली । कृषि क्षेत्र में सुधार को गति देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी नजर है। किसानों की माली हालत मजबूत करने की दिशा में प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर गहन विचार-विमर्श के लिए ‘एग्रीकल्चर-2022’ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक व निजी निवेश बढ़ाने पर जोर होगा। देशभर के कृषि विशेषज्ञ और किसान प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनाने की दिशा में शुरू की गईं विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। नीतिगत सुधार के लिए राज्यों को भी सम्मेलन में बुलाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय व कृषि मंत्रलय के संयुक्त प्रयास से ‘एग्रीकल्चर-2022’ के नाम से 19 व 20 फरवरी को बैठक होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मौजूद होंगे। पीएमओ के निर्देश पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले दिन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह खुद वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों से सिफारिशें तैयार कराएंगे। दूसरे दिन प्रधानमंत्री कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिशों पर उनसे चर्चा करेंगे। कृषि क्षेत्र में कानूनी सुधार पर भी ध्यान होगा और विकास के रास्ते तलाशे जाएंगे।
पशुधन, डेयरी, पॉल्ट्री और मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने पर विचार किया जाएगा। सात चिन्हित क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बुलाया गया है। इसमें किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतिगत सुधार पर विचार होगा। उत्पादकता बढ़ाने को कृषि में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए साइंस व तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया गया है।1खेती बाड़ी में पूंजी निवेश की भूमिका और किसानों को संस्थागत कृषि ऋण के प्रवाह जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी विशेषज्ञों के बीच बैठकर उनकी राय जानेंगे। सम्मेलन में सभी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ किसान संगठनों, बैंक प्रतिनिधियों, सिविल सोसाइटी, उद्योग और औद्योगिक संगठनों के लोगों को न्योता भेजा गया है।