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RCom ने ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ खटखटाया बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा

मुंबई। कर्ज से परेशान रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर-कॉम) ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल की रोक के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने आरकॉम पर कंपनी की संपत्तियों को बेचने, ट्रांसफर करने या बंधक रखने पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और अपनी दो कंपनियों को इसकी अनुमति के बिना किसी भी संपत्ति को स्थानांतरित या बेचने से रोक दिया था। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब स्वीडिश टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन ने अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी से बकाया राशि वसूल करने की याचिका दायर की थी। आपको बता दें कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने आरकॉम की मोबाइल कारोबार आस्तियों स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर व आप्टिक्ल टावर आदि खरीदने के लिए समझौता किया है।

ट्रिब्यूनल का यह आदेश आरकॉम के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था क्योंकि वह अपने वायरलेस परिसंपत्तियों को रिलायंस जियो को बेचकर अपने कर्ज को कम करना चाहती है। हालांकि कंपनी ने राहत पाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आर-कॉम ने कहा, ‘हम यह बताना चाहते हैं कि कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है ताकि कर्ज देने वालों के हितों को सुरक्षित किया जा सके।’

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस कम्युनिकेशंस के मोबाइल कारोबार की बिक्री के लिए एक करार किया है। इस करार के तहत स्पेक्ट्रम, मोबाइल टॉवर और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का हस्तांतरण किया जाना है।

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