indiaprime24.com

ये 10 बड़ी चुनौतियां एनडीए से अलग हुई TDP : लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के सामने खड़ी हो रही हैं

नई दिल्ली: अमरावती में हुई टीडीपी की पोलित ब्यूरो की बैठक में एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया है. टीडीपी पिछले हफ़्ते ही केंद्र सरकार से अलग हुई थी और उसके दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दिया है. इससे पहले कल टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी. टीडीपी केंद्र से आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल कैटगरी स्टेटस की मांग कर रही है और इसको लेकर संसद में भी लगातार हंगामा कर रही है. कुल मिलाकर जो हालात बन रहे हैं उससे साफ है कि इस बार बीजेपी के लिए लोकसभा का चुनाव आसान नहीं होने वाला है. अभी उसके सामने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनाव हैं जहां पर उसे सत्ता विरोधी लहर का सामना करना है.
मोदी सरकार के सामने खड़ी हो रही हैं ये मुश्किलें

टी़डीपी ने कल कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के साथ अन्याय किया है. तेदेपा प्रमुख और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य विधानसभा में यह बात कही. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी वाईएसआर कांग्रेस द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने के कुछ घंटे बाद कही. वाईएसआर कांग्रेस ने यह कदम केंद्र के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना करने के बाद उठाया है.

नायडू ने विधानसभा में कहा, ‘‘ जो भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा हम उसका समर्थन करेंगे. हम उसके लिये तैयार रहेंगे और हमारे 16-17 सांसद उसका पूरी तरह समर्थन करेंगे. हम राज्य के अधिकारों के लिये जो भी लड़ेगा उसका समर्थन करेंगे.’’
तेदेपा अध्यक्ष ने वाईएसआरसी को चेतावनी देते हुए विधानसभा में अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘ मैं बेहद दुख और दर्द और40 साल के राजनैतिक अनुभवों के साथ कह रहा हूं. लोगों के जीवन से खेलना सही नहीं है. अगर आप गंभीरता से अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो हम पूरा सहयोग करेंगे. अगर आप मिलीभगत करके ऐसा करते हैं तो हम आपका पर्दाफाश करेंगे.’’
अभी तक माना जा रहा था कि आंध्र प्रदेश में टीडीपी की धमकियों से बीजेपी को इसलिए ज्यादा चिंता नहीं हो रही है क्योंकि वह वाईएसआर कांग्रेस के भी संपर्क में है. लेकिन विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर टीडीपी की ओर से की गई ‘कुर्बानी’ को देखते हुए अब वाईएसआर कांग्रेस भी पीछे नहीं रहना चाहती है.
वहीं दूसरी ओर 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पहले से ही टीडीपी और वाइएसआर कांग्रेस पर डोरे डाल रही है. हो सकता है कि कांग्रेस दोनों को इस शर्त पर अपने पाले में ले आए कि वह सरकार बनने पर आंध्र प्रदेश को स्पेशल राज्य का दर्जा दे सकती है.

यह छोटे-छोटे राजनीतिक फैसले अब बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल बनते जा रहे हैं. यूपी में सपा-बीएसपी के तालमेल ने गोरखपुर जैसी सीट पर बीजेपी को पटखनी दे दी है.

इसके बाद से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि दोनों ही पार्टियां हाथ मिला सकती हैं.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है और आज से शुरू हो रहे महाधिवेशन के एजेंडे में भी साफ है कि गठबंधन का दायरा बढ़ाना है. ऐसे में कांग्रेस दोनों के गठबंधन में शामिल होने में कोई झिझक नहीं दिखाईगी.

वहीं बिहार में नीतीश कुमार की चमक मुस्लिमों के बीच फीकी पड़ रही है. बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद से अब तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं कुछ बीजेपी नेताओं के बयानों से भी नीतीश की छवि पर धक्का पहुंच रहा है.

दूसरी ओर महाराष्ट्र में शिवसेना भी बीजेपी के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रही है. मुंबई में पहुंचे किसानों को मोर्चा में भी शिवसेना नेता पहुंचे थे तो पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी कहा था कि वक्त आने पर फैसला लेंगे.

दूसरी ओर बुधवार को राहुल गांधी ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात की है औऱ माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही वह ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे.

Exit mobile version