नई दिल्ली.जर्मन प्रेसिडेंट फ्रैंक वॉल्टर श्टाइनमायर शनिवार को पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हो सकते हैं। इससे पहले वॉल्टर को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। जर्मन प्रेसिडेंट ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। बता दें कि वॉल्टर पत्नी एल्क बुडनबर्ग के साथ गुरुवार को भारत के 5 दिवसीय दौरे पर आए हैं।
भारत आना बड़े गर्व की बात
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, प्रेसिडेंट वॉल्टर ने कहा- ”मैं कई बार भारत आ चुका हूं, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले दौरे पर आया हूं। यहां बार-बार आता रहूंगा, क्योंकि भारत आना मेरे और देश के लिए बड़े सम्मान की बात है।”
ये अहम समझौते हो सकते हैं
– यूरोप में जर्मनी, भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। ब्रेक्जिट के बाद फ्रांस और जर्मनी की भूमिका यूरोपीय संघ की राजनीति में बढ़ गई है। इस लिहाज से यह दौरा काफी अहम है। भारत चाहता है कि जर्मनी बेसिक इंफ्राटैक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, स्किल डेवलपमेंट और वॉटर मैनेजमेंट जैसे सेक्टरों में निवेश करे। दोनों देशों के बीच रक्षा, ट्रांसपोर्ट, वॉटर, टेक्नोलॉजी, शिक्षा जैसे सेक्टर क्षेत्रों में कई अहम समझौते हो सकते हैं।
18.76 लाख डॉलर का व्यापार हैदोनों के बीच
– दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग लगातार बढ़ रहा है। 2016-17 के दौरान दोनों देशों के बीच करीब 18.76 अरब डॉलर का कारोबार हुआ है। इसमें भारत का हिस्सा 7.18 अरब डॉलर और जर्मनी का 11.58 अरब डॉलर है। पिछले 7 साल में भारतीय कंपनियों ने जर्मनी में 140 प्रोजेक्ट में निवेश किया है।
– वहीं, जर्मनी की ऑटो कंपनियां बीएमडब्ल्यू, फॉक्स वैगन भारत में काम कर रही हैं। जर्मनी ने गंगा की सफाई अभियान और मेक इन इंडिया में भी निवेश किया है।
– राइन नदी के किनारे बसे जर्मनी के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया से भारत के साथ सबसे ज्यादा 24.11% कारोबार होता है। जर्मनी में एक लाख 8 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं। इनमें 15 हजार छात्र हैं।
जामा मस्जिद देखने पहुंचे वॉल्टर
– राष्ट्रपति वॉल्टर पत्नी एल्क बुडनबर्ग के साथ शुक्रवार को दिल्ली की जामा मस्जिद देखने पहुंचे। इससे पहले गुरुवार को वे वह बनारस और सारनाथ गए थे। इससे साथ ही वॉल्टर शनिवार को चेन्नई भी जाएंगे। चेन्नई जर्मन कारोबारियों का बड़ा हब है।
– 62 साल के वॉल्टर जर्मन राजनीति के बड़े नेता हैं। इससे पहले वह 2008 में बतौर विदेश मंत्री और 2015 में डिप्टी चांसलर के तौर भारत आ चुके हैं।
जर्मन राष्ट्रपति का पहला विदेशी दौरा
– जर्मनी में हाल ही में चुनाव के छह महीने बाद चांसलर अंगेला मर्केल के नेतृत्व में नई सरकार बनी है। इसके राष्ट्रपति फ्रैंक वॉल्टर का यह पहला विदेश दौरा है।