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माहौल न बिगड़े, जवाब देने की रणनीति बनाएं : मुख्यमंत्री

भोपाल। ग्वालियर और चंबल अंचल में हिंसक घटना और बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने के विवाद के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय और मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि जो चीजें चल रही हैं, उसका जवाब देने की रणनीति बनाएं। जवाब तुरंत दिया जाना चाहिए ताकि सरकार की बात प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंच जाए।

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री निवास पर सुबह दस बजे मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषिकुमार शुक्ला सहित मुख्यमंत्री सचिवालय और मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई गई थी।

ऐनवक्त पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बदलाव करते हुए मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस के साथ अलग से बंद कमरे में बैठक की। बताया जा रहा है कि इसमें 10 अप्रैल को सामान्य और पिछड़ा वर्ग के कथित प्रस्तावित भारत बंद और 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मद्देनजर कानून व्यवस्था को लेकर बात की गई।

दरअसल, सरकार ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई हिंसक घटना के बाद यह नहीं चाहती है कि यह फिर से दोहराया जाए। यही वजह है कि कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

बताया जा रहा है कि साधु-संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के फैसले की हर तरह काफी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया में तो दो दिन से यह मुद्दा छाया हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी चर्चा हुई पर प्रभावी तरीके से पलटवार नहीं हुआ। इससे यह संदेश भी गया कि संभवत: नर्मदा सेवा यात्रा में गड़बड़ियां हुई थीं।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इसे आधार बनाकर सवाल भी उठाए पर कोई पलटवार की कोई रणनीति नहीं अपनाई गई। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने अपने भरोसेमंद अफसरों को जवाब देने की रणनीति तैयार करने के लिए कहा, क्योंकि चुनाव का साल है और इसमें कई ऐसे मुद्दे सामने आएंगे, जिसके जरिए सरकार को घेरने की कोशिश होगी।

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