मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पांच धार्मिक नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया। उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति पी. के. जायसवाल और न्यायमूर्ति एस. के. अवस्थी ने इस याचिका पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया।
स्थानीय निवासी रामबहादुर वर्मा की याचिका में गुहार की गयी है कि पांचों धार्मिक नेताओं को प्रदेश सरकार का दिया गया राज्य मंत्री दर्जा समाप्त किया जाये।याचिका में दलील दी गयी है कि राज्यमंत्री के दर्जे के कारण पांचों धार्मिक हस्तियों को मिलने वाली सरकारी सुख-सुविधाओं का बोझ आखिरकार करदाताओं पर आयेगा, जबकि संविधान में इस तरह के दर्जे का कोई प्रावधान नहीं है।
राज्य सरकार ने नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों समेत अलग-अलग क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाने के लिये विशेष समिति गठित की है। इस समिति के पांच सदस्यों- नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, भैयू महाराज, कम्प्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है।