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विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने बढ़ाया 30 प्रतिशत वेतन

जबलपुर। भाजपा प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने के मूड में है। ऐसे में पिछले दो महीने से वह रुठे हुए मतदाताओं को मनाने में जुटी हुई है। धरना प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी संघों की अधिकतर मांगों को पूरा किया जा रहा है। वहीं जाति वर्ग आदि पर भी विशेष ध्यान शिवराज सरकार दे रही है। फिर चाहे नियमितिकरण हो या फिर वेतन विसंगतियों को दूर करने का मामला। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर हाल में मतदाताओं को रूठने से मनाने में जुटे हैं। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश न्यायिक अधिकारियों के वेतन में भी बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया गया है। यह वेतन उन्हें साल 2016 की जनवरी से बढ़ा हुआ दिया जाएगा।

जजों का वेतन बढ़ा, डेढ़ साल पहले से मिलेगा लाभ
30फीसदी मूल वेतन बढ़ाया, रेड्डी आयोग की सिफारिशें लागू

यह है मामला-
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्रदेश में कार्यरत सभी न्यायिक अधिकारियों का वेतन 30 प्रतिशत बढ़ा दिया है। यह वृद्धि केवल मूल वेतन पर होगी और इस पर कोई महंगाई भता नहीं मिलेगा। इसका लाभ न्यायिक अधिकारियों को एक जनवरी-2016 से दिया जाएगा। जस्टिस वेंकट रामा रेड्डी आयोग की अनुशंसा पर राज्य के विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने यह फैसला लिया है। 2016 से बकाया एरियर्स का भुगतान 30 जून 2018 तक कर दिया जाएगा।

सभी वर्गों को लाभ
विधि विभाग के आदेश के अनुसार इस निर्णय का लाभ सभी वर्गों, श्रेणियों के न्यायिक अधिकारियों को मिलेगा। इसके अलावा पेंशनर्स व फेमिली पेंशनर्स को भी इस वेतनवृद्धि का लाभ मिलेगा। इन्हें भी इसका लाभ समान रूप से एक जनवरी-2016 से देय होगा। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में कर्मियों, अधिकारियों के वेतन में एकरूपता लाने के लिए जस्टिस रेड्डी वेतन द्वितीय राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन किया था। आयोग ने 9 मार्च-2018 को दी गई अपनी रिपोर्ट में न्यायिक अधिकारियों का वेतन बढ़ाने की अनुशंसा की थी। इन पर विचार के बाद कैबिनेट ने इन्हें हरी झंडी दे दी। इसके बाद सरकार ने इन्हें लागू कर दिया।

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