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प्रणब आरएसएस के कार्यक्रम में आज नागपुर जाएंगे, 30 कांग्रेसियों ने की थी न जाने की अपील

नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेने बुधवार को नागपुर पहुंचेंगे। उनके साथ दिल्ली के संघचालक रहेंगे। एयरपोर्ट पर संघ के स्वयंसेवक उनका स्वागत करेंगे। वे गुुरुवार को संघ मुख्यालय में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ मंच साझा करेंगे। स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में प्रणब को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया है। 25 दिन तक चलने वाला यह प्रशिक्षण 7 जून को खत्म हो रहा है।

कांग्रेस के 30 नेताओं नेे कार्यक्रम में न जाने की अपील की थी

– इसमें देश भर के 708 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। इनमें डॉक्टर्स, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान और विभिन्न वर्ग के युवा हैं। इनकी उम्र 25 से 30 साल की है।

– हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सीके जाफर शरीफ समेत 30 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने प्रणब से संघ कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की है। इन नेताओं ने पत्र और मीडिया के जरिए मुखर्जी से इस कार्यक्रम से दूर रहने को कहा। नेताओं का कहना है प्रणब के कार्यक्रम में जाने से संघ विचारधारा को मजबूती मिल सकती है।

सीक्रेट मीटिंग: इंदिरा की मौत के बाद संघ ने राजीव को समर्थन दिया

– वैचारिक मतभेदों के बावजूद संघ और कांग्रेस एक-दूसरे की मदद भी करते रहे। दोनों में संवाद भी होते रहे। साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने संघ नेताओं से सीक्रेट मीटिंग की थी। वो आरएसएस प्रमुख बालासाहेब देवरस से मिले थे।

– राजीव गांधी ने देवरस के छोटे भाई भाऊराव देवरस के साथ भी आधा दर्जन बार मुलाकात की थी। परिणाम यह निकला कि जनसंघ के होने के बावजूद संघ ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। इसका प्रमाण चुनाव से पहले नानाजी देशमुख द्वारा लिखे गए लेख में मिलता है।

– यह लेख प्रतिपक्ष मैगजीन में छपा था। इसमें उन्होंने इंदिरा की तारीफ की थी। ये 25 नवंबर 1984 को प्रतिपक्ष मैगजीन के अंक में छपा था। इसमें उन्होंने राजीव को समर्थन देने की अपील की थी। इसके अलावा पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव पर भी संघ की नजदीकी के आरोप भी लगते रहे।

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