नई दिल्लीः माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के तहत माल परिवहन के लिए शुरू की गई ई-वे बिल व्यवस्था में एक अप्रैल के बाद से अब तक एक राज्य से दूसरे राज्य और राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए कुल मिलाकर 9 करोड़ 42 लाख ई-बिल जारी किए जा चुके हैं।
जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘ई-वे बिल व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक कुल मिलाकर 9.42 करोड़ ई-वे बिल जारी किये जा चुके हैं। इसमें एक दिन में सबसे ज्यादा करीब 20 लाख ई-वे बिल 13 जून को जारी किए गए।’’
उल्लेखनीय है कि सरकार ने देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के लिए एक अप्रैल 2018 से ई-वे बिल व्यवस्था लागू की। कारोबारियों के लिए 50,000 रुपए से अधिक का माल एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने पर जीएसटी नेटवर्क पर पंजीकरण कराकर ई-वे बिल प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया। ई-वे बिल अब राज्य की सीमा में एक शहर से दूसरे शहर में माल पहुंचान के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है और यह व्यवस्था भी 3 जून से करीब करीब सभी राज्यों में लागू कर दी गई है।
कुमार ने बताया कि ई-वे बिल जारी करने के मामले में विनिर्माण केन्द्र वाले राज्य ही आगे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा ई-वे बिल गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे अधिक विनिर्माण गतिविधियों वाले राज्य आगे रहे। इन राज्यों में राज्य से बाहर माल परिवहन के लिए अधिक ई-वे बिल जारी किए गए। वहीं राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा, इसके बाद कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा और आंध्र प्रदेश का स्थान रहा।
जीएसटी प्रणाली में कर अपवंचना पर नजर रखने और कर आधार को व्यापक बनाने के लिहाज से ई-वे बिल व्यवस्था को काफी कारगर माना जा रहा है। सरकार ने पहले इसे फरवरी 2018 में शुरू करने का प्रयास किया लेकिन नेटवर्क प्रणाली के पूरी तरह से तैयार नहीं होने की वजह से इसमें सफलता नहीं मिली। बहरहाल, एक अप्रैल से ई-वे बिल प्रणाली को सफलता के साथ शुरू कर दिया गया। ई-वे बिल प्राप्त करने के लिये जीएसटी नेटवर्क में माल भेजने वाले का नाम, किसे भेजा जा रहा है, माल का मूल्य, उसकी रसीद का नंबर, क्या माल भेजा जा रहा है आदि तमाम जानकारी भरनी होती है। जीएसटी प्रणाली देशभर में एक जुलाई 2017 से लागू है।