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दुराचार के मामलों के लिये हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी बनाई जाए फास्ट ट्रैक कोर्टः मुख्यमंत्री

जबलपुर। जिला एवं सत्र न्यायालय की नयी बिल्डिंग के लोकार्पण समारोह में पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने सीजेआई दीपक मिश्रा से मांग करते हुये कहा कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश में नन्हीं बच्चियों से दुराचार के मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई गई हैं, उसी प्रकार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसे गंभीर मामलों में शीघ्र सुनवाई और निर्णय की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषी को जल्द से जल्द सजा मिलने से ही नजीर कायम होगी। जिससे अपराधियों में कानून का खौफ पेदा होगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि 192 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित जिला कोर्ट के भव्य भवन का प्रधान न्यायाधीश के द्वारा उदघाटन होना संस्कारधानी के लिए बेहद महत्वपूर्ण अवसर है। क्योंकि इसकी प्ररेणा स्वयं देश के प्रधान न्यायाधीस दीपक मिश्रा ने दी थी। उनके इस विचार को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन द्वारा आगे बढ़ाया गया। जो आज पूरा हो गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एडवोकेट्स के लिए फर्नीचर की जरूरतें भी पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लगभग तैयार हो चुका है और शीघ्र ही अध्यादेश के जरिए आगे पहल की जाएगी। इस अवसर पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि विशाल क्षेत्र में बेहतरीन अधोसंरचना का कोर्ट भवन हमें हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि लिंग, जाति या अन्य किसी भी विभेद के बिना सबको समान रूप से न्याय मिलने में ही इस उपलब्धि की सार्थकता होगी।

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