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विपक्षियों में केवल पीएम बनने की ललक: मोदी

नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विपक्ष के नेताओं में केवल पीएम बनने की ललक है। मोदी से घृणा की उन्हें एक प्लेटफार्म पर ला रही है। लेकिन जनता उन्हें नकार देगी।

एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वजूद खतरे में है। यह पार्टी अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही है। लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में यह क्षेत्रीय दलों जैसी होकर रह गई है। कांग्रेस एक के बाद एक करके चुनाव हार रही है। यह पार्टी के अस्त होने का सबसे बड़ा सबूत है।

उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में एक तरफ सुराज और विकास है तो दूसरी तरफ अव्यवस्था। कर्नाटक का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि जद(एस) व कांग्रेस ने किसी तरह से जोड़तोड़ करके सरकार तो बना ली लेकिन जिस तरह का माहौल वहां दिखाई दे रहा है वह भविष्य की विपक्षी एकता की झलक भर है।

मंत्री मिलते हैं तो गिले शिकवे दूर करने को न कि विकास के मुद्दे पर चर्चा के लिए। जबकि भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है और यही वजह है कि एक के बाद एक करके राज्यों में उसकी जीत होती जा रही है। उनका कहना था कि हमें विश्वास है कि लोग फिर से एक बार भाजपा में विश्वास जताएंगे।

मोदी ने 1977 व 1989 में हुई विपक्ष की एकता को मौजूदा समय में खारिज करते हुए कहा कि पहली बार लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्ष एक हुआ था तो दूसरी बार भ्रष्टाचार के खिलाफ नेता एक प्लेटफार्म पर आए थे। अलबत्ता इस बार केवल महत्वाकांक्षा ही उन्हें एक साथ ला रही है।

राहुल कहते हैं कि पीएम वो बनेंगे तो ममता बनर्जी खुद को इस रेस में सबसे आगे मानती हैं। सपा कह रही है कि पीएम के लिए सबसे उपयुक्त वही है। सभी का लक्ष्य केवल एक है कि मोदी को हटाकर सत्ता हथियाना। उनका कहना था कि राजग का कुनबा मजबूत है। उत्तर प्रदेश के उप चुनावों में मिली हार पर उनका कहना था कि 1998 से पहले गुजरात में जो भी उप चुनाव हुए थे उनमें भाजपा हारी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी ने दो तिहाई बहुत से सत्ता हासिल की।

जम्मू-कश्मीर में विकास व बेहतर प्रशासन हमारा लक्ष्य
मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास व बेहतर प्रशासन हमारा लक्ष्य है। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि केंद्र ने वार्ताकार को नियुक्त किया है जो सभी पक्षों व आम लोगों से बात कर रहे हैं। पीएम का कहना था कि देश के बहादुर जवान 125 करोड़ लोगों को खुशहाल बनाने के लिए जी-जान से जुटे हैं। यही वजह है कि कश्मीर में आतंकी घटनाएं जहां पहले से कम हुई हैं वहीं माओवादी हिंसा 20 फीसद तक घटी है। हिंसाग्रस्त इलाकों में सरकार बुनियादी ढांचे को बेहतर करके हालात को सुधारने की कोशिश कर रही है।

लोगों से मिलकर मिलती है ऊर्जा
सुरक्षा पर खतरे के सवाल पर मोदी का कहना था कि वह कोई शहंशाह नहीं हैं। जब वह देखते हैं कि लोगों की भीड़ सड़क के इर्द-गिर्द खड़ी है तो वह कार की सीट में बैठे नहीं रह सकते। वह बाहर आकर लोगों से मिलने में यकीन रखते हैं, क्योंकि इससे उन्हें ऊर्जा मिलती है। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीएम की सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद करने की जरूरत है।

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