बीजेपी के साथ रिश्तों में बढ़ती तल्खी के बीच बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शनिवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शिरकत करेंगे.
नीतीश कुमार के अगले राजनीतिक कदम के बारे में अटकलों का बाजार गर्म है. ऐसे में वह अगले लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न मुद्दों पर अपनी पार्टी का रुख सामने रख सकते हैं.
ऐसी अटकल है कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ अपना गठजोड़ बहाल करने के इच्छुक हैं, हालांकि उनकी पार्टी के नेता इसे खारिज कर चुके हैं. इन अटकलों को बिहार में बीजेपी के साथ जेडीयू के मतभेद के कारण बल मिला है.
बिहार के क्षेत्रीय दल जेडीयू के कई नेताओं ने बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में 2013 से पहले वाली स्थिति बहाल करने की मांग की है. कुमार ने उसी साल बीजेपी से नाता तोड़ा था.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उम्दा प्रदर्शन के बाद बीजेपी की राज्य में जड़े मजबूत हुई हैं और ऐसे में जेडीयू को बड़े भाई का दर्जा देने की संभावना नहीं है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार 2019 में करीब 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की जुगत में लगे हैं.
वर्ष 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें जीती थीं. वहीं रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने छह और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. उधर जेडीयू के खाते में केवल दो सीटें गई थीं.