नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिये महिलाओं का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जरूरी है। उनकी सरकार ने पिछले चार वर्षों में दीनदयालय अंत्योदय योजना, ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाओं के जरिये गरीबों खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के साथ पहल की है। प्रधानमंत्री ने ‘नरेन्द्र मोदी एप’ के माध्यम से आज देशभर के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से संवाद किया।
संवाद के दौरान पीएम ने कहा कि महिला सशक्तीकरण हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है और इसका उदाहरण है कि हमारी सरकार बनने से पहले 2011 से 2014 के बीच पांच लाख स्वयं सहायता समूह बने और सिर्फ 50 से 52 लाख परिवार इससे जुड़े थे। जबकि हमारी सरकार बनने के बाद 2014 से 2018 के बीच 20 लाख स्वयं सहायता समूह बने। इस प्रकार इनकी संख्या में चार गुणा वृद्धि दर्ज की गई और पहले की तुलना में चार गुणा अधिक परिवार इनसे जुड़े। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि आज देशभर की एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं से संवाद करने का अवसर मिला है जो अपने आप में संकल्प, उद्यमशीलता और सामूहिक प्रयासों का एक प्रेरणादायी उदाहरण है।
मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान की गरीब महिलाएं दुनिया के विश्वविद्यालयों को टीम भावना, मिलजुल कर काम करने और काम के बंटवारे का पाठ पढ़ा सकती हैं। आज आप किसी भी सेक्टर को देखें, तो आपको वहां पर महिलाएं बड़ी संख्या में काम करती हुए दिखेंगी। देश के कृषि क्षेत्र, डेयरी क्षेत्र की तो महिलाओं के योगदान के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में छोटे उद्यमियों के लिए, श्रमिकों के लिए स्वयं सहायता समूह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये समूह एक तरह से गरीबों, खासकर महिलाओं की आर्थिक उन्नति का आधार बने हैं। ये ग्रुप महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं, उन्हें आॢथक और सामाजिक तौर पर मजबूत भी बना रहे हैं।
सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देश भर की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में करोड़ों ग्रामीण गरीब परिवारों तक पहुंचने का, उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को सभी राज्यों में शुरु किया जा चुका है। मोदी ने बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से उनका अनुभव जाना। उन्होंने बिहार की अमृता देवी से हुए संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे पता चला कि कैसे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुडऩे के बाद उनके जीवन में बदलाव आया।