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नोटबंदी में ओवर टाइम का मामला : एसबीआई 70,000 कर्मचारियों को दिया गया पैसा वापस लेगा

भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो चुके एसोसिएट बैंकों के 70,000 से ज्यादा कर्मचारी बहुत नाराज हैं। असल में नोटबंदी के दौरान इन कर्मचारियों से जमकर काम कराया गया था और वादा किया गया था कि ओवरटाइम के लिए उन्हें भुगतान किया जाएगा। कर्मचारियों, अधिकारियों को ओवर टाइम के लिए अतिरिक्त भुगतान भी किया गया, लेकिन अब भारतीय स्टेट बैंक प्रबंधन ने उन सभी कर्मचारियों को मिला भुगतान वापस करने को कहा है, जो एसोसिएट बैंकों से जुड़े रहे हैं।

हालांकि आठ नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी के कारण बैंक कर्मचारियों को बहुत परेशानी आई थी। बैंकों के लाखों कर्मचारियों को हर दिन 3 से 8 घंटे तक ओवर टाइम काम करना पड़ा था। कर्मचारियों को नोटबंदी के दौरान ओवरटाइम करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक्स्ट्रा अमाउंट पे किया था। लेकिन एसबीआई अब उन पांच बैंकों के कर्मचारियों से यह पैसा वापस लेना चाहती है जिनका पिछले साल एसबीआई में मर्जर हुआ था।

बैक अधिकारियों को 30,000 और अन्य कर्मचारियों को 17,000 रुपए तक का भुगतान किया गया था। अब एसबीआई ने अपने जोन्स को निर्देश दिए हैं कि उन कर्मचारियों से एक्स्ट्रा भुगतान वापस लिया जाए जो पहले स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर में काम करते थे।

भुगतान सिर्फ एसबीआई शाखाओं में काम करने वाले कर्मियों के लिए: एसबीआई
एसबीआई ने अपने सभी जोनल हेडक्वार्टर को पत्र लिखकर कहा है वो सिर्फ अपने कर्मचारियों को ओवर टाइम का पैसा देने के लिए उत्तरदायी है। पूर्व एसोसिएट बैंकों के कर्मचारियों से ओवर टाइम भुगतान की रकम वापस ली जाए, क्योंकि नोटबंदी के दौरान एसोसिएट बैंकों का विलय एसबीआई में नहीं हुआ था और उनके कर्मचारी को अतिरिक्त काम के लिए भुगतान देने की जिम्मेदारी एसबीआई की नहीं।

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