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सीएम के ​बेटे कार्तिकेय ने संभाली बुदनी विधानसभा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां पूरे प्रदेश में जनआशिर्वाद यात्रा निकालकर चौथी बार सरकार बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं। वहीं उनका बडा बेटा कार्तिकेय ने अपने पिता की विधानसभा सीट पर फोकस कर रहे हैं। कार्तिकेय ने इसकी शुरुआत जनवरी 2018 से युवाओं के खेल आयोजन से कर दी थी। दरअसल सीएम अपनी विधानसभा को समय नहीं दे पा रहे हैं, इसके चलते उन्होंने अपने बेटे को मैदान में उतारा है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पिता की सुरक्षित सीट पर बेटा राजनीतिक दांव—पेंच तो सीखेगा ही साथ में क्षेत्र के लोगों से भावनात्मक लगाव भी बनेगा, इससे मुख्यमंत्री अपने प्रतिव्दंदी प्रत्याशी को पिछले बार से ज्यादा मतों से पराजित कर सकेंगे।

सीएम ने अपना पूरा फोकस 230 विधानसभा सीटों पर कर रखा है। हाल ही में भाजपा महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मेरा बूथ सबसे मजबूत का मंत्र दिया।

शाह ने अबकी बार 200 पार का भी नारा बूलंद किया है। इधर एट्रोसिटी एक्ट ने प्रदेश की राजनीति को ही बदल दिया है, इस बार के चुनाव में न तो लहर दिखाई दे रही है न ही कोई मुददा ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए अबकी बार 200 पार की बात तो दूर अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए संघर्ष करना पड रहा है।

अर्जुन राय ने बढाई चिंता
सीएम के क्षेत्र बुदनी में किसान आंदोलन के दौरान यहां के एक युवक अर्जुन राय ने जेल जाकर सरकार के लिए चिंता बढा दी है। अर्जुन राय दिल्ली विश्वविधालय से अपनी पढ़ाई पूरी कर बुधनी लौटे। आदिवासियों में उनकी काफी अच्छी छवि है और वह अब विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं। वह किसानों और आम लोगों से मिलकर शिवराज के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं।

इस युवक की लोकप्रियता को कम करने के लिए ही सीएम ने अपने बेटे कार्तिकेय को क्षेत्र मे सक्रिय किया है। इधर कांग्रेस किरार समाज के नेता और पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को बुदनी से टिकट दे सकती है। मुख्यमंत्री को उनके घर में ही घेरने की रणनीति बनाई गई है।ये सीएम की पारंपरिक सीट है। माहौल को देखते हुए सीएम ने अपने विश्वस्त और बालसखाओं रमाकांत भार्गव, गुरुप्रसाद शर्मा, राजेंद्र राजपूत और शिव चौबे को भी क्षेत्र के अलग—अलग हिस्सों की जिम्मेदारी सौंप रखी है।

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