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जांच में मदद करने वाले आरोपी को मिले छूट, SEBI ने सरकार से की मांग

कंपनियों से जुड़े मामलों में जांच के दौरान मदद करने वाले अभियुक्त को आने वाले दिनों में छूट मिल सकती है. इस संबंध में मार्केट रेग्‍युलेटर (सेबी) की ओर से सरकार को प्रस्‍ताव दिया गया है. इस प्रस्‍ताव में कहा गया है कि सेबी ऐसे अधिकार चाहता है जिसके तहत जांच में मदद करने वाले और अन्‍य आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने में सहायता करने वाले अभियुक्त को छूट देने के अलावा उसका जुर्माना कम कर सके. सेबी के मुताबिक इस पहल से जांच में तेजी लाने और सूचनाएं जुटाने में मदद मिलेगी. बता दें कि अभी अभियुक्त को किसी भी तरह की छूट देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है.

सेबी की ओर से कहा गया, ”इस फैसले से कर्ज भुगतान में चूक करने वाले उन लोगों के खिलाफ अधिक सबूत जुटा कर कार्रवाई करने में भी मदद मिलेगी जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत न मिल पा रहे हों. ” अधिकारियों ने कहा कि अगर सेबी को ये शक्तियां दे दी जाएं तो यह कुछ मौजूदा मामलों में बेहद निर्णायक साबित हो सकता है. इनमें एक मामला एक बड़े बैंक का है, जिसमें कई अन्य बड़े नाम संलिप्त हैं.

सेबी ने प्रस्‍ताव में व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को मिले इसी तरह के अधिकारों का जिक्र किया है और किसी आरोपी पर जुर्माना कम करने के अधिकार की मांग की है. वहीं वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस तरह के अधिकार सरकार के पास ही रहने चाहिए. मंत्रालय ने कहा, ” इसके लिए सेबी अधिनियम और प्रतिभूति अनुबंध नियमन अधिनियम में संशोधन करने की आवश्यकता होगी.”

बता दें कि बीते दिनों बाजार नियामक सेबी ने सरकार से कंपनी कानून में संशोधन करने की मांग की थी. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उसके द्वारा अगर किसी निदेशक को अयोग्य करार दिया जाता है तो वह तत्काल पद से हटे. कर्ज नहीं लौटाने वाले विजय माल्या के ऐसा नहीं करने को देखते हुए सेबी ने सरकार से यह अपील की है.

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