कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. वह अपनी याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक और सज़ा को निलंबित करने की मांग करेंगे. उनका कहना है कि नामांकन का आखिरी दिन नज़दीक है. लिहाजा वह चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करे. वहीं गुजरात सरकार का कहना है कि वह हार्दिक की याचिका का विरोध करेगी. सूत्रों ने बताया कि अगर हार्दिक याचिका दाखिल करते है तो सुनवाई के दौरान राज्य सरकार इसका विरोध करेगी.
गुजरात हाई कोर्ट ने दंगा भड़काने के मामले में हार्दिक की सजा पर रोक लगाने से 29 मार्च 2019 इनकार कर दिया था. हार्दिक को मेहसाणा के विसनगर में दंगा भड़काने के एक मामले में 2 साल की सजा सुनाई गई है और कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.
कांग्रेस को गत शुक्रवार को एक बड़ा झटका तब लगा, जब गुजरात हाई कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने एक निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के आदेश को स्थगित करने की मांग की थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकें. अदालत का यह निर्णय गुजरात कांग्रेस के लिए एक झटका है, क्योंकि पार्टी ने हार्दिक को जामनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की योजना बनाई थी.
जस्टिस अब्दुल्लामिया उरैजी ने हार्दिक की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने मेहसाणा अदालत के उस आदेश को स्थगित करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें विसनागढ़ में पटेल आंदोलन 2015 के दौरान आगजनी और बलबा करने के एक मामले में दोषी ठहराया था. मेहसाणा अदालत ने पिछले वर्ष दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. पटेल ने इस आदेश पर स्थगन की मांग की थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकें.
सजायाफ्ता होने पर अब हार्दिक के चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई है. हार्दिक तभी से दोषी हैं, और सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार वह तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते, जब तक हाई कोर्ट उन्हें दोषी ठहराए जाने के आदेश को स्थगित नहीं कर देता.