डार्क, बोल्ड और कंट्रोवर्शियल माने जाने वाले वेब प्लेटफॉर्म पर पीएम नरेंद्र मोदी पर 9 अप्रैल से एक वेब सीरीज शुरू होने जा रही है जो उनके जीवन और राजनीतिक सफर पर केंद्रित है। ‘मोदीः द जर्नी ऑफ अ कॉमन मैन’ नाम की इस वेब सीरीज में वैसे तो मोदी का किरदार तीन कलाकारों ने निभाया है, लेकिन चर्चा में महेश ठाकुर हैं जिन्होंने मोदी की मौजूदा छवि को सिल्वर स्क्रीन पर उतारा है।
पीएम मोदी की शख्सियत काे दर्शाएगी वेब सीरीज
महेश ठाकुर कहते हैं ‘मेरे लिए यह किरदार निभाना आसान नहीं था। यह एक ऐसे नेता का किरदार था, जो हर वक्त परदे पर है, मुझे न तो उनसे ज्यादा करना था न कम। चारों तरफ शोर है कि इस तरह की फिल्में और वेब सीरीज वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए लाई जा रही हैं। इस पर महेश का कहना है कि वोट बैंक तो प्रभावित नहीं होगा लेकिन कंटेंट ऐसा है जिसे जनता देखेगी जरूर और इसका सीधा फायदा प्रोड्यूसर को होगा। महेश का कहना है कि यह वेब सीरीज बीजेपी का अभियान नहीं है बल्कि पीएम मोदी की शख्सियत काे दर्शाएगी, जिसका चुनाव अभियान से कोई लेना देना नहीं है।
बकौल महेश, यह वेब सीरीज भाजपा या आरएसएस पर आधारित नहीं है, बल्कि केवल मोदी की जीवन यात्रा पर आधारित है। मोदी बायोपिक और वेब सीरीज दोनों में फर्क क्या रहेगा। इस पर महेश का कहना है कि वो एक बड़े बजट की फिल्म है जिसमें एंटरटेनमेंट है, गीत-संगीत भी है लेकिन वेब सीरीज केवल इंफॉर्मेटिव और रोचक है, जिसमें एक भी गाना नहीं है। वेब सीरीज में नौवां एपिसोड गोधराकांड पर है। इस बाबत् महेश कहते हैं कि पीएम मोदी की बायोपिक हो या यह वेब सीरीज अगर कहीं भी उसमें झूठ, तथ्यों से छेड़छाड़ किया गया होगा तो दर्शक न्याय करेंगे। आजकल सोशल मीडिया के जमाने में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है।
इसमें मोदी का बालपन, संन्यास, युवावस्था और राजनीतिक सफर तक की कहानी है। वेब सीरीज में जसोदाबेन का जिक्र भी है। वेब सीरीज का लेखन-निर्देेशन ‘ओ माई गॉड’, ‘हंड्रेड नॉट आउट’ जैसी बहुचर्चित फिल्म के निदेशक उमेश शुक्ला ने किया है।
मैंने यूट्यूब पर पीएम मोदी के भाषण सुने, उनकी चाल, उठने-बैठने का तरीका, गेटअप सब को बारीकी से देखा। पहले लगा कि शायद मैं इस किरदार से न्याय नहीं कर पाऊंगा, लेकिन फिर मैंने रात-रात भर उनके भाषण सुने, उनकी आंखों, होठों, हाथों के मूवमेंट वॉच किए, किताबें पढ़ी और इस चुनौती को स्वीकार कर लिया।