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जुल्फिकार भुट्टो की बरसी पर लोगों ने उन्हें किया याद

पाकिस्तान के बहुचर्चित पूर्व प्रधानमंत्री तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संस्थापक जुल्फिकार अली भुट्टो की 40वीं बरसी पर गुरुवार को पूरे देश ने उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि दी। अपने समर्थकों के बीच कैद-ए-आवाम के नाम से लोकप्रिय भुट्टो देश के नौवें प्रधानमंत्री के तौर पर वर्ष 1973 से 1977 के बीच काम किया।

इससे पहले वर्ष 1971 से 1973 के बीच वे पाकिस्तान के चौथे राष्ट्रपति भी रहे। जनरल जिया उल हक के शासनकाल के दौरान चार अप्रैल 1979 को भुट्टो फांसी दे दी गई। इस मौके पर पंजाब और सिंध प्रांतों के अलावा जगह-जगह समारोहों का आयोजन कर लोगों ने उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर कुरानख्वानी का भी आयोजन किया गया तथा नमाज अदा कर फातिया पढ़ा गया।

यहां पुराने जेल परिसर में स्थित जिन्ना पार्क में सादगी से एक समारोह का आयोजन किया गया। भुट्टो ने अपना आखिरी समय इसी जेल में बिताया था। जैसा कि पीपीपी की शहर इकाई के अध्यक्ष बाबर खान के अनुसार कुरानख्वानी शाम चार बजे होगा और साढे पांच बजे नमाज अदा की जाएगी। जियो न्यूज के अनुसार पाकिस्तान में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जीवनपर्यन्त लड़ते रह गए और लोगों के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी।

पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भुट्टो को शहीद जुल्फिकार अली भुट्टो के तौर पर संबोधित करते हुए अपने शोक संदेश में कहा कि आपकी शहादत के 40 वर्ष पूरा होने के बावजूद आज भी आप (भुट्टो) लोगों के दिल और दिमाग में जिंदा हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति, कूटनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भुट्टो का बहुत बड़ा योगदान प्रशंसनीय और विचार करने योग्य है।

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