भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में हुए तथाकथित भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के विरुद्ध राज्य शासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने उपराष्ट्रपति को पत्र लिखा है। उन्होंने कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण और गलत बताते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र मेल किया है।
इसमें 300 से अधिक प्राध्यापक, कुलपति, पूर्वकुलपति और शिक्षाजगत से जुड़े लोगों के समर्थन का दावा है। लेकिन कुछ लोगों ने दावा किया है कि इस पत्र में कई लोगों के नाम फर्जी तरीके से भी जोड़े गए हैं। एलएनसीटी कॉलेज की प्रो. सोनी छगलानी और ओरिएंटल कॉलेज के पीके चोपड़ा का नाम भी है, जब दोनों से बात की गई तो उन्होंने मना कर दिया।
ऐसे में इस लिस्ट को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि राकेश सिन्हा अभी भी सभी के समर्थन की बात कह रहे हैं।
प्राध्यापकों को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया
पत्र में कहा गया है कि आरोपी प्राध्यपकों को पक्ष रखने या स्पष्टीकरण का भी अवसर नहीं दिया गया। ऐसी कार्रवाई से हम सभी शिक्षकगण, हतप्रभ और आहत हैं। शिक्षकों पर एफआईआर जैसा गंभीर कदम, सम्पूर्ण विधिसम्मत प्रक्रिया और स्पष्टीकरण के नोटिस भेजे जाने के पश्चात ही युक्तिसंगत माना जा सकता है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि हम आशंकित हैं कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि की महापरिषद के अध्यक्ष के इस कदम से राजनीतिक प्रतिशोध की गंध आती है। तब भी उचित यही है कि एक पूर्ण और पक्षपातरहित जांच की जाए। पत्र भेजने वालों में प्रो. सिन्हा के साथ हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. कुलदीपचंद अग्निहोत्री, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के अध्यक्ष प्रो. कपिल कपूर, बीपीएस महिला विवि सोनीपत की कुलपति प्रो. सुषमा यादव आदि शामिल हैं।