आइपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम का प्रदर्शन हिचकोले खा रहा है। कभी कप्तान तो कभी गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन की वजह से टीम के प्लेऑफ में पहुंचने की संभावना डगमगा रही है। हालांकि, विश्व कप में चुने जाने से गौरवांवित हैदराबाद के ऑलराउंडर विजय शंकर को उम्मीद है कि उनकी टीम समग्र प्रयास से प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करेगी। प्लेऑफ में पहुंचने संभावनाओं को लेकर अभिषेक त्रिपाठी ने विजय शंकर से विस्तार में बातचीत की। पेश है उस बातचीत के प्रमुख अंश –
-प्लेऑफ में पहुंचने के लिए आपकी टीम क्या रणनीति बना रही है और टीम से कैसी उम्मीदे हैं?
-किसी भी टीम के लिए प्लेऑफ में पहुंचना खास होता है। हम फिलहाल अपने खेल पर ध्यान दे रहे हैं। हमने अच्छा खेल दिखाया है इसलिए अब हमारा लगातार अच्छा खेलना बहुत अहम है। हमें खुद पर और अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना होगा और अपनी पिछली गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा।
-इस साल कई मुकाबलों में आपकी टीम आखिरी लम्हों में हारी है। आखिर चूक कहां हो रही है?
-जी हां, कुछ मुकाबले हमने आखिरी के कुछ ओवरों में गंवाए हैं। मुझे लगता है कि यह हर टीम के साथ होता है। हमें लगातार तीन मुकाबलों में हार मिली, लेकिन उसके बावजूद हमने लगातार दो मुकाबले जीतकर अच्छी वापसी की। ऐसे में हमने अपनी पिछली गलतियों को ठीक करने का काम किया। मेरे हिसाब से गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ना बेहद अहम है।
-क्या पिछले सत्र के शीर्ष स्तर के प्रदर्शन को बरकरार रखने के दबाव से इस साल आपकी टीम का प्रदर्शन थोड़ा गड़बड़ाया है?
-ऐसी बात नहीं है। हम सभी खिलाडि़यों को सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलने पर गर्व है। एक टीम के तौर पर हमने पिछले कुछ वर्षो में बेहतरीन खेल दिखाया है। अभी भी हम सभी पर अच्छा प्रदर्शन करने और सबसे पहले टीम को प्लेऑफ तक ले जाने की जिम्मेदारी है। यह सब निर्भर इस बात पर करता है कि आप इसे कैसे लेते हैं। ऐसा नहीं है कि हमने पिछले सत्र में अच्छा किया है तो हम पर इस सत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है। हर सत्र और हर मुकाबला नया होता है, यहां तक कि हर ओवर अलग होता है।
-मौजूदा सत्र में हैदराबाद के कप्तान बदलते रहे हैं। क्या इससे भी टीम के प्रदर्शन पर फर्क पड़ा है ?
-अगर आप अब तक के खेल को देखें तो हमारे सलामी बल्लेबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाया है और वे करीब-करीब हर मैच में चले हैं। टीम के बाहर के लोग सोचते हैं कि मध्य क्रम ने अब तक अपना योगदान नहीं दिया है, लेकिन आप देखें तो हमें कितने ही मौके मिले हैं। मुझे कुछ अच्छे मौके मिले हैं। ऐसे में यह कहना सही नहीं है कि कप्तान के बार-बार बदलने से टीम के संयोजन पर फर्क पड़ा है। कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं हैं, जैसा कि केन का चोटिल होना या उनका टीम छोड़कर जाना, लेकिन अब वह वापस आ चुके हैं। ऐसे में टीम में मौजूद हर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता है।
-कुछ विदेशी खिलाड़ी विश्व कप की तैयारियों के सिलसिले में स्वदेश लौट रहे हैं। ऐसे में क्या यह घरेलू क्रिकेटरों के लिए एक मौका होगा?
-जो खिलाड़ी लगातार टीम के साथ खेल रहे हैं, उनकी जगह खेलने वाले खिलाडि़यों के सामने उपयोगिता साबित करने की बड़ी चुनौती होगी। लेकिन, यह एक ऐसी चुनौती होगी जिसका लुत्फ हर कोई उठाना चाहेगा। ऐसे में हर खिलाड़ी के पास टीम में आकर मैच जिताने का यह एक अच्छा मौका होगा।
-पिछले साल मनीष पांडे धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने तेज बल्लेबाजी करके मौके को भुनाया। ऐसे प्रदर्शन से टीम को कितना फायदा मिलता है ?
-इससे टीम में विश्वास जगता है। एक पारी किसी की भी सोच को बदल सकती है। हम सभी टीम को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं। व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में सोचने के बजाये यह सोचना बेहद जरूरी है कि हम टीम की जीत में अपना कितना योगदान दे सकते हैं।
-आखिरी तीन मुकाबलों में आपकी टीम किस रणनीति के साथ उतरने जा रही है ?
-एक समय में एक मुकाबले या एक ओवर या फिर एक गेंद को लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि टी-20 एक ऐसा प्रारूप है जो बहुत जल्दी ही मुकाबले की सूरत बदल देता है। हम उन परिस्थितियों को कितनी जल्दी संभाल पाते हैं, यह सबसे अहम है। सही मायने में यही वह समय है जिसके लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं। ऐसे में हम एक-एक करके चीजों को लेकर आगे बढ़ेंगे तो हम जीत के काफी करीब जाएंगे। अगर हम एक और मैच जीतते हैं तो हमारे प्लेऑफ में पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी।