कार की खरीद, सोने में निवेश, होम लोन, आईटीआर फाइलिंग, म्यूचुअल फंड एसआईपी, बजट 2019यह केन्द्रीय बजट के लिए तैयार होने का समय है जो कि 5 जुलाई 2019 को घोषित होने वाला है जो कि मई में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स के सत्ता में बने रहने के बाद घोषित होने वाला पहला बजट है।
असल बात यह है कि साल में दूसरी बार बजट की घोषणा की जाएगी क्योंकि लोकसभा के चुनाव से पहले 1 फरवरी को आतंरिक बजट की घोषणा की गई थी इसलिए हो सकता है कि इस केन्द्रीय बजट को लेकर आपका जोश और उत्साह बढ़ गया हो।
जबकि यह एक ऐसा समय भी है जब टैक्सपेयर, फाइनेंशियल इयर 2018-19 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फ़ाइल करने में व्यस्त होंगे, लेकिन फिर भी एक व्यक्ति, पर्सनल फाइनेंस से संबंधित तरह-तरह के मामलों पर आगामी बजट के पड़ सकने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।
इसलिए, आइए कुछ महत्वपूर्ण फाइनेंशियल फैसलों पर नजर डालते हैं जो आप शायद नवनिर्वाचित फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण द्वारा केन्द्रीय बजट 2019 की घोषणा के बाद लेना चाहेंगे।
एक गाड़ी खरीदना
यदि आप एक दो-पहिया या चार-पहिया गाड़ी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बजट की घोषणा तक इंतजार करना चाहिए। सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक गाड़ियों वाला देश बनाने का जो सपना देखा है उसमें शायद आगामी बजट के दौरान तेजी आ सकती है।
इस तरह, आपको प्रतिस्पर्धी कीमतों पर ई-व्हीकल्स मिल सकते हैं यदि सरकार उन पर कोई भत्ता देने का ऐलान करती है। यह भी सच है कि कई ऑटोमोबाइल कंपनियां निकट भविष्य में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल्स को लॉन्च करने का इंतजार कर रही हैं।
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इसके अलावा, ऑटो मैनुफैक्चरर्स, गाड़ियों के पुर्जों पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग कर रहे हैं। यदि बजट के दौरान उनकी मांग पर ध्यान दिया जाता है तो पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की कीमत भी घट सकती है।
सोने में निवेश करना
सोने का आयात, भारत के कुल आयात बिल में एक बहुत बड़ा हिस्सा रखता है। इसलिए, सरकार तरह-तरह के गैर-भौतिक सोने में निवेश जैसे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स को प्रोत्साहित या प्रचारित करके भौतिके सोने में किए जाने वाले निवेश को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही है।
इसलिए, यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपको बजट की घोषणा होने तक इंतजार करना चाहिए क्योंकि इस घोषणा के बाद गैर-भौतिक सोने में निवेश करने का बेहतर मौका मिल सकता है।
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होम लोन लेना
सरकार अपने ‘2022 तक सबके लिए मकान’ के सपने को भी पूरा करना चाहती है। हाउसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोजगार पैदा करने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। इसलिए, ऐसी उम्मीद है कि सरकार मुख्य रूप से अतिरिक्त टैक्स राहत के रूप में घर खरीदने वालों के लिए कुछ बड़े इंसेंटिव लेकर आ सकती है।
इसलिए, यदि आप एक घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो कुछ दिन और रुकने में कोई नुकसान नहीं है। इस बात पर गौर करने पर यह और बेहतर लग सकता है कि सरकार ने पहले ही, अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज पर लगने वाले गुड्स एण्ड सर्विसेज टैक्स (GST) को 12% से घटाकर 5% और अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 12% से घटाकर 1% कर दिया है।
इन मामले में देर नहीं करनी चाहिए
लेकिन, यदि आपने अभी तक एक लाइफ इंश्योरेंस प्लान नहीं ख़रीदा है और एक प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो बजट का इंतजार न करें। इस बात की कम सम्भावना और गुंजाइश है कि बजट में ऐसी कोई घोषणा की जाएगी जो लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम को कम कर सके। इसी तरह, यदि आपने पहले ही एक लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले लिया है तो उनके प्रीमियम का पेमेंट करने में देर न करें।
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इसके अलावा, अपने म्यूचुअल फंड सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) को बंद न करें क्योंकि लम्बे समय में SIP पर बजट का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और पड़ता भी है तो बहुत कम।
यहाँ इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि बजट 2019, फाइनेंशियल इयर 2019-20 के लिए यानी एसेसमेंट इयर 2020-21 में आपके द्वारा फ़ाइल किए जाने वाले ITR को प्रभावित कर सकता है लेकिन फाइनेंशियल इयर 2018-19 के लिए आपके द्वारा फ़ाइल किए जाने वाले ITR पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा (जिसकी आखिरी तारीख 31 जुलाई 2019 है)।
इसलिए, बजट के कारण फाइनेंशियल इयर 2019-20 के लिए अपना ITR फ़ाइल करने में देर न करें – यदि आपके कागजात तैयार हैं तो आखिरी समय में होने वाली गड़बड़ी से बचने के लिए इसे जल्द से जल्द फ़ाइल कर दें।