indiaprime24.com

Budget 2019: घोषणाओं को पूरा करने के लिए चाहिए नया नजरिया, क्रियान्वयन आयोग का हो गठन

Budget 2019 आम बजट में देश भर में बुनियादी ढांचे के व्यापक निर्माण पर जोर दिया गया है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के आखिरी दौर में देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया था, अब हर गांव के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि यह बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसमें खर्च की राशि ज्यादा है, लेकिन अब इस कार्य को हर हाल में पूरा किया जा सकता है इसकी पूरी उम्मीद है।

हर घर तक बिजली पहुंचने से ग्रामीण जीवन उन्नत होगा, लिहाजा ग्रामीण विकास के साथ अर्थव्यवस्था के अन्य घटकों में तेजी आने की पूरी उम्मीद है। इंफ्रास्ट्रक्चर के सर्वाधिक अहम स्तंभ रेलवे के विकास पर जोर देने की बात बजट में की गई है। हालांकि माल ढुलाई और यात्री परिवहन में सड़क मार्ग की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है। इसका बड़ा कारण रेलवे की लचर कार्य- संस्कृति भी है, क्योंकि उद्यमी किराया कम चुकाने से ज्यादा प्राथमिकता सामान को शीघ्र गंतव्य तक पहुंचाने को देते हैं। देखा जाए तो गत चार-पांच वर्षों में रेलवे में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए निवेश बहुत कम किया गया है। वैसे भारतीय रेलवे द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बड़े हिस्से का निर्माण एक-दो वर्षों में पूरा होने के बाद माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।

इससे माल ढुलाई का समय भी कम होगा। देश भर में सड़कों का तेजी से विकास तो हो रहा है, लेकिन भूमि अधिग्रहण बड़ी चुनौती है। बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन में नया नजरिया अपनाना होगा। सरकारी रवैया अब तक भ्रष्टाचार पर नियंत्रण का रहा है जिसके लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग तमाम सरकारी कार्यों पर निगाह रखता है। अब हमें इससे थोड़ा आगे बढ़ना होगा। इंप्लीमेंटेशन कमीशन यानी ऐसे आयोग का गठन करना होगा जो बजट में घोषित योजनाओं और कार्यक्रमों आदि के कार्यान्वयन पर निगाह रखे। इससे कामकाज का मूल्यांकन भी बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इसका बड़ा फायदा यह भी होगा कि बुनियादी ढांचों के निर्माण में होने वाली देरी से उसकी लागत को बढ़ने से बचाया जा सकता है।

Exit mobile version