कर्नाटक में 14 महीने बाद आखिरकार कुमारस्वामी की नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई और एक बार फिर से बीजेपी की सत्ता में आने का रास्ता साफ हो गया। पिछले 6 दिनों से जारी सियासी उठापटक के बाद मंगलवार को हुए बहुमत परीक्षण में कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट में पास नहीं हो पाई और विश्वास मत में हार गई। कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में जहां 99 वोट पड़े वहीं विरोध में 105 वोट। इस तरह से कर्नाटक में बीजेपी की सरकार लगभग तय है, बस महज औपचारिक ऐलान का इंतजार है। कर्नाटक में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद अब कायास लगाए जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश में भी बीजेपी कुछ बड़ा उलटफेर कर सकती है। मगर कांग्रेस नेता ने साफ तौर पर कह दिया है कि मध्य प्रदेश में इस सरकार के साथ हॉर्स ट्रेडिंग करने में बीजेपी को सात जन्म लेने पड़ेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मध्य प्रदेश के मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि ‘कर्नाटक में जो हुआ वैसा मध्य प्रदेश में नहीं होगा। बीजेपी ने हमारे लिए समस्याएं पैदा करने के लिए सब कुछ किया, मगर यह कमलनाथ की सरकार है, कुमारस्वामी की नहीं। उन्हें इस सरकार में हॉर्स ट्रेडिंग करने के लिए सात जन्म लेने होंगे।’
कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश को लेकर सियासी चर्चा के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘हम यहां (मध्य प्रदेश) की सरकार के पतन का कारण नहीं बनेंगे। कांग्रेस के नेता स्वयं अपनी सरकारों के पतन के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस में एक आंतरिक संघर्ष है, और बीएसपी-एसपी का समर्थन है, अगर ऐसा कुछ होता है तो हम कुछ नहीं कर सकते।’
मंगलवार को हुए विश्वास मत में गठबंधन सरकार के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। 14 महीने वाली कुमारस्वामी की सरकार गिरने से भारतीय जनता पार्टी के खेमे में जहां खुशी की लहर है, वहीं कांग्रेस और जेडीएस के लिए चिंता की बात। कर्नाटक में सरकार गिरने के साथ ही कांग्रेस के खाते से एक और राज्य निकल गया।
बता दें कि 31 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। उसे बसपा (2), सपा (1) और निर्दलीय (4) विधायकों का समर्थन है। वहीं बीजेपी के पास 108 सीट हैं।