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One year of Kamal Nath government : नीतिगत बदलाव, फैसलों और प्रबंधन में बीता कमलनाथ सरकार का एक साल

भोपाल। One year of Kamal Nath government खस्ता वित्तीय हालात, केंद्र में विपरीत विचारधारा की सरकार होने के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रबंधन कौशल का परिचय देते हुए कई क्षेत्रों में बड़े कदम उठाए हैं, जिनके नतीजे आने वाले दिनों में नजर भी आएंगे। इनमें किसान और आदिवासियों की कर्जमाफी, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान, निवेश के लिए मैग्नीफिसेंट एमपी, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और कमजोर आर्थिक वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण, 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली, उद्योगों में 70 फीसदी रोजगार में स्थानीय लोगों की अनिवार्यता, इंदौर व भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत, महापौर चुनाव प्रणाली में बदलाव जैसे कई कदम शामिल हैं।

किसान और आदिवासियों की कर्जमाफी

कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सबसे पहले जो कदम उठाया, वो किसानों की दो लाख रुपए तक कर्जमाफी था। 20 लाख किसानों को अभी तक सात हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्जमाफी मिल चुकी है। दूसरे चरण की शुरुआत 17 दिसंबर से हो रही है। वहीं, गैर लाइसेंसी साहूकारों के चंगुल में फंसे आदिवासियों का 15 अगस्त 2019 तक न सिर्फ कर्ज माफ कर दिया गया, बल्कि जबरदस्ती करने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी लागू कर दिया।

हितग्राहियों के लिए बढ़ाई राशि

वचन पत्र के बड़े वादे को निभाते हुए सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की रकम दोगुनी कर छह हजार रुपए महीना कर दी। इसका फायदा 36 लाख हितग्राहियों को मिला। वहीं, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सहायता राशि 28 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार कर दी।

शुद्ध के लिए युद्ध

खाद्य वस्तुओं में मिलावट की लगातार सामने आ रही शिकायतों को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान छेड़ा। इसमें 41 एफआईआर दर्ज करने के साथ सात लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई। उधर, काफी समय से भू-माफिया सहित अन्य माफिया से परेशान लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़ा अभियान छेड़ा गया है। मुख्यमंत्री से फ्री हैंड का आदेश मिलते ही इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में कार्रवाईयां शुरू हो चुकी हैं।

निवेशकों को भरोसा

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले निवेशकों से राउंड टेबल बैठक की और उनकी समस्याओं को जाना। मैग्नीफिसेंट एमपी कार्यक्रम करके जताया कि प्रदेश में उद्योगों के लिए दोस्ताना माहौल है।

युवा पर फोकस

स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके पैदा हों, इसके लिए उद्योगों को 70 फीसदी रोजगार देना अनिवार्य कर दिया है।

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