नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाओं की मांग इस कानून पर स्टे लगाने की थी, जिसे सर्वोच्च अदालत ने ठुकरा दिया है. हालांकि इस दौरान एक और मांग की गई जिसमें कहा गया कि जामिया के लोगों को इस कानून के बारे में जानकारी नहीं है. जिसपर चीफ जस्टिस एस. ए. बोबड़े ने सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल से सवाल किया.
दरअसल, इस मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस. ए. बोबड़े ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को बुलाया और कहा कि वकील अश्विनी उपाध्याय की तरफ से एक याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि वो जामिया के इलाके में घूमकर आए हैं जहां लोगों को नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में क्या सरकार नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में सरकार प्रचार कर सकती है?
इस पर सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकारी एजेंसियां इस एक्ट के बारे में कुछ पब्लिश कर सकती हैं. बता दें कि बीते दिनों जामिया नगर इलाके में इस एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद इलाके में कुछ हिंसा भी हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया नोटिस
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुल 59 याचिकाएं दायर की गई हैं. इनपर बुधवार को सुनवाई हुई लेकिन अदालत ने इस एक्ट पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया और याचिकाओं को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस दिया गया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अब 22 जनवरी को अगली सुनवाई होगी.
सर्वोच्च अदालत में याचिका डालने वालों में कई एनजीओ, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा, जयराम रमेश जैसे राजनेता भी शामिल हैं. विपक्ष की ओर से आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार के द्वारा लाया गया ये कानून संविधान के खिलाफ है.