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मलयेशिया के पीएम बोले- हम भारत से बहुत छोटे देश, बदला नहीं ले सकते

भारत की तरफ से पाम ऑइल के आयात में कटौती के बाद मलयेशिया बुरी तरह से परेशान है। भारत के इस कदम के बाद प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने स्वीकार किया है कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था के सामने मलयेशिया कहीं नहीं टिकता है। इसलिए पाम ऑइल का बहिष्कार करने पर वह भारत के विरुद्ध कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता।

मलयेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जवाबी कार्रवाई करने के लिहाज से बहुत छोटे हैं। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमें इससे उबरने का तरीका और साधन ढूंढना होगा। बता दें कि 94 वर्षीय मुस्लिम बहुल देश के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता कानून जैसे मुद्दों पर भारत के खिलाफ बयानबाजी के बाद भारतीय सरकार ने इस देश से पाम तेल की खरीददारी में कटौती कर दी है।

चूंकि मलयेशिया पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम तेल का उत्पादक देश है इसलिए उस पर सबसे बड़े आयातक देश भारत के बहिष्कार का बड़ा झटका लगा है। भारत पिछले पांच साल से मलयेशियाई पाम तेल का सबसे बड़ा बाजार रहा है। अब उसे नया बाजार ढूंढना होगा जबकि इतनी बड़ी मात्रा में उससे तेल खरीदने वाला कोई एक बाजार मिलना बेहद मुश्किल है।

मलयेशियाई तेल के दाम 10 फीसदी गिरे
भारत जैसे बड़े बाजार में निर्यात बुरी तरह प्रभावित होने के चलते पिछले सप्ताह फ्यूचर मार्केट में बेंचमार्क मलयेशियाई पाम ऑइल के दाम 10 फीसदी तक गिर गए। यह पिछले 11 साल की सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट से मलयेशिया बुरी तरह परेशान है और वह अब भारत से दोबारा वार्ता के लिए रास्ता तलाश रहा है। भारत सालाना रूप से करीब 90 लाख टन पाम तेल आयात करता है।

जाकिर नाइक भी नाराजगी की वजह
भारत की मलयेशिया से नाराजगी सिर्फ अनुच्छेद 370 और नागरिकता विधेयक पर दिए गए बयानों से ही नहीं थी। इससे पहले भारत के विवादित धार्मिक नेता जाकिर नाइक को स्थायी वीजा देने के चलते भी उसे भारत की नाराजगी झेलना पड़ रही थी। भारत से भागे विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक पिछले तीन वर्षों से मलयेशिया में रह रहा है जबकि उस पर भारत में मनी लांड्रिंग समेत कई मामले लंबित हैं।

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