नई दिल्ली । भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने विवादित बयान देते हुए कहा कि अगर शशि थरूर को लगता है कि एक बार फिर जिन्ना के विचार एक बार जड़ जमा रहे हैं, तो उन्हें यह प्रश्न अपने नेता ‘राहुल जिन्ना’ से पूछना चाहिए। राहुल गांधी और उनका पूरा परिवार जिन्ना की तरह विभाजनकारी राजनीति करता है। गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि जिन्ना के विचारों की भारत में जीत हो रही। इसी के बाद जीवीएल नरसिम्हा राव का यह बयान आया है।
शशि थरूर ने इस दौरान कहा ‘नागरिकता संशोधन कानून 2019 लागू करना लागू करना जिन्ना की टू-नेशन थ्योरी को पूरा करने जैसा है। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि जिन्ना जीत गए, लेकिन वह जीत रहे हैं। अगर सीएए के कारण एनपीआर और एनआरसी लागू होता है तो यह जिन्ना की पूरी तरह जीत होगी।’ इसी के बाद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कांग्रेस परिवार पर निशाना साधा है।
नागरिकता देने का प्रावधान जिन्ना के विचार पर लागू
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान थरूर ने आगे कहा कि जिन्ना के देश के विचार और गांधीजी के देश के विचार के बीच राष्ट्र के लिए अभी भी एक विकल्प उपलब्ध है। विरोध के बीच दिसंबर में सीएए भारत में लागू हुआ। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने आगे कहा कि सीएए में धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान करके जिन्ना के विचार पर लागू किया गया। गांधी का विचार यह कहता है कि सभी धर्म बराबर हैं। सीएए के बाद अगर एनपीआर और एनआरसी लागू होता है तो जिन्ना की जीत होगी।
एनपीआर को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना
भाजपा सरकार अपने फैसले के पक्ष में कह रही है कि यूपीए शासन के दौरान एनपीआर हुआ था। इसे लेकर थरूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के एक निर्णय का इस्तेमाल किया था। थरूर ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने यह कभी नहीं पूछा गया कि आपके माता-पिता कहां पैदा हुए थे। इसने सरकार द्वारा तैयार किए गए एनपीआर के नियमों में प्रयुक्त शब्द ‘संदिग्ध नागरिकता’ भी यही सरकार लाई है। यह पूरी तरह से भाजपा की खोज है।’