काबुल । अमेरिका और तालिबान एक संभावित शांति समझौते के करीब हैं इसी बीच मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के कार्यालय ने पुष्टि की है कि काबुल सरकार एक इंट्रा-अफगान वार्ता टीम का गठन करेगी। टोलो न्जूय ने अब्दुल्लाह के प्रवक्ता मुजीबुर्रहमान रहीमी के हवाले से कहा है कि दुर्भाग्य से अभी तक इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के शिविरों में उन लोगों के बीच कोई राजनीतिक सहमति नहीं बनी है लेकिन निश्चित रूप से वार्ता में इन मुद्दों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बुधवार को शांति वार्ता टीम का उल्लेख करते हुए यह बात कही है।
रहीमी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तालिबान के साथ शांति समझौता पर सशर्त रूप से अनुमोदित करने के बाद आया है। ट्रंप ने शांति समझौते को तो मंजूरी दे दी है लेकिन इस पर हस्ताक्षर तभी किए जाएंगे जब तालिबान इस महीने के अंत के 7 दिनों में हिंसा में कमी की अपनी प्रतिबद्धता को साबित करेगा। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिका अफगानिस्तान में मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुलाने का काम शुरू कर देगा।
एक पूर्व सांसद फोजिया कोफी ने कहा कि अफगान राजनीतिक समाज के राजनेताओं के पास अभी भी शांति प्रक्रिया पर एक साथ आने और सुलह परिषद के साथ सहमति बनाने और कुछ महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करने का अवसर है, जो कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के मूल्यों में शामिल हैं।
एक अन्या सांसद मोहम्मद सादिक कादरी ने कहा कि तालिबान के साथ वार्ता में अफगानिस्तान के पूरे लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक समावेशी प्रतिनिधिमंडल नियुक्त करने के लिए एक राजनीतिक सहमति होनी चाहिए ताकि हम इस अवसर को बर्बाद न करें।