नई दिल्ली । भारतीय रिज़र्व बैंक ने गुजरात हाई कोर्ट में बैंक और उनके कर्मचारियों के बीच विवादों में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि दोनों के बीच के विवादों में आरबीआई की कोई भूमिका नहीं बनती। आरबीआई ने मंगलवार को गुजरात हाई कोर्ट से यह बात कही। दरअसल, हाई कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई थी जिसमें आरबीआई को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह बैंकों को यूनियनों की अगुआई वाली हड़तालों में जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दे। इसी का जवाब आरबीआई (RBI) ने कोर्ट को दिया है।
पीआईएल में कहा गया था कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण देश को बहुत आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है और इससे खासतौर पर ग्राहक परेशान होते हैं। पीआईएल (PIL) पर जवाब देते हुए आरबीआई ने चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस ए जे शास्त्री की बेंच को बताया कि उसकी बैंकों और उनके स्टॉफ के बीच के विवादों में कोई भूमिका नहीं बनती है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि ना ही ये मुद्दा पॉलिसी से जुड़ा है, जिसमें वह हस्तक्षेप कर सके।
इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कहा था कि प्रत्येक बैंक के अपने सेवा नियम है और आरबीआई का उनके स्टॉफ पर कोई कंट्रोल नहीं है।
यह मामला तब स्थगित हो गया जब कर्मचारी यूनियन के वकील ने बताया कि विवाद को सुलझाने के लिए बैंकों के साथ एक बैठक रखी गई है। यह पीआईएल गुजरात ट्रेडर्स फेडरेशन, चेंबर्स ऑफ कॉमर्स, अहमदाबाद ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन और राजकोट, भावनगर, गोंडल, सोराठ व मध्य गुजरात के उद्योगों द्वारा फाइल की गई थी।
पीआईएल में यह मांग की गई थी कि कोर्ट आरबीआई को इस प्रकार के निर्देश दें कि वह बैंकों को यूनियनों द्वारा संचालित हड़ताल में जाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का सर्कुलर जारी करे।