मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। राज्यपाल बीएस कोश्यारी (Governor BS Koshiyari) ने गुरुवार को चुनाव आयोग से गुजारिश की कि वह महाराष्ट्र विधान परिषद की खाली पड़ी नौ सीटों के लिए चुनाव कराने की घोषणा करे। मालूम हो कि उद्धव इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। उन्होंने 28 नवंबर, 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें शपथ ग्रहण के छह महीने के भीतर यानी 28 मई तक विधान मंडल के किसी भी सदन का सदस्य बनना है। यदि ऐसा नहीं हो सका तो वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह सकेंगे।
चुनाव कराने को लेकर आयोग की बैठक आज
महाराष्ट्र में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग शुक्रवार को बैठक करेगा। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक सुबह 9.30 बजे होगी। लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में फंस गए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सम्मिलित होंगे।
कोश्यारी के कदम से मिल रहे संकेत
ताजा सियासी घटनाक्रम से ऐसा जाहिर हो रहा है कि राज्यपाल बीएस कोश्यारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद की सदस्यता देने के इच्छुक नहीं हैं। राज्य मंत्रिमंडल प्रस्ताव भेजकर राज्यपाल से उन्हें राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में भेजने की मांग कर चुका है लेकिन राज्यपाल ने अब तक इस प्रस्ताव पर विचार नहीं किया है। यहां तक कि महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल तीनों दलों के प्रतिनिधि राज्यपाल से यह मांग कर चुके हैं।
पीएम से भी गुहार लगा चुके हैं उद्धव
महाराष्ट्र की कैबिनेट ने उद्धव को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में मनोनयन करने के लिए बीते 28 अप्रैल को सिफारिश की थी। कैबिनेट की ओर से इस आशय की पहली सिफारिश नौ अप्रैल को की गई थी। लेकिन राज्यपाल कोटे से महाराष्ट्र विधान परिषद में मनोनयन का फैसला लटकने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके मामले में दखल देने की गुहार लगाई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि ऐसे समय जब महाराष्ट्र कोरोना की महामारी से जूझ रहा है राजनीतिक स्थिरता ठीक नहीं है।
राज्य के सियासी हालात बताए
राज्यपाल की ओर से स्पष्ट किया गया है कि चूंकि राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधानपरिषद और विधानसभा किसी के सदस्य नहीं हैं इसलिए पद पर बने रहने के लिए उन्हें 28 मई से पहले दोनों में से किसी से निर्वाचित होना होगा। वहीं महाराष्ट्र कैबिनेट ने अपने नए प्रस्ताव में कहा है कि कोरोना संकट में राजनीतिक अस्थिरता नहीं आनी चाहिए। इसके लिए विधान परिषद की फिलहाल एक खाली सीट पर उद्धव को मनोनीत करने की सिफारिश की जाए।
नजरें चुनाव आयोग के रुख पर
अब जबकि राज्यपाल की ओर से निर्वाचन आयोग को विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों पर चुनाव कराए जाने की गुजारिश कर दी गई है… देखना यह होगा कि निर्वाचन आयोग इस बारे में क्या फैसला लेता है। वैसे राज्यपाल ने पत्र में निर्वाचन आयोग से कहा है कि राज्य में अनिश्चितता की स्थिति को समाप्त करने के लिए चुनाव कराना जरूरी हो गया है। ऐसे में जब केंद्र सरकार लॉकडाउन में कई राहतें दी हैं… कुछ निश्चित गाइडलाइंस के आधार पर राज्य में चुनाव कराए जा सकते हैं।