लॉकडाउन की वजह से भारत की इकोनॉमी बुरी तरह पस्त हो गई है. जो भी आर्थिक आंकड़े आ रहे हैं वो निराश करने वाले हैं. ताजा आंकड़े सर्विस सेक्टर की गतिविधियों से जुड़े हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल महीने में सर्विस सेक्टर की गतिविधियां 14 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थीं.
क्या कहते हैं आंकड़े?
ताजा आंकड़ों के मुताबिक ‘आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स’ (पीएमआई-सर्विस) अप्रैल में 5.4 अंक पर रहा. यह मार्च के 49.3 अंक के मुकाबले ऐतिहासिक निचला स्तर है. दिसंबर 2005 में सर्वेक्षण की शुरुआत के बाद पहली बार सर्विस सेक्टर के सबसे बुरे दौर का संकेतक भी है. आपको बता दें कि सर्विस सेक्टर के ये आंकड़े हर महीने जारी किए जाते हैं. इस सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है, जबकि 50 पर होना स्थिरता दिखाता है.
क्या है वजह?
लॉकडाउन के दौरान नागरिकों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध और कारोबारों के बंद रहने का असर सर्विस सेक्टर पर पड़ा है और यही वजह है कि गतिविधियां लगभग रुकी रहीं. अर्थशास्त्री जो हाएस ने कहा कि पीएमआई के मुख्य सूचकांक ‘कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स’ में भी 40 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी है. यह दिखाता है कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां लगभग रुकी रहीं.
कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अप्रैल में गिरकर 7.2 अंक पर आ गया जो मार्च में 50.6 अंक पर था. यह सर्वेक्षण के इतिहास में आर्थिक गतिविधियों में सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता है. कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स की बात करें तो इसे पीएमआई-सर्विस और पीएमआई-मैन्युफैक्चरिंग को मिलाकर तैयार किया जाता है. बता दें कि देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है. दो बार इसकी अवधि बढ़ायी गयी और वर्तमान में इसका तीसरा चरण 17 मई को खत्म होगा.