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दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा- लॉकडाउन को आगे बढ़ाना आत्मघाती होगा

देश के दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा ने कहा है कि लॉकडाउन को लंबी अवधि के लिए आगे बढ़ाना देश की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है.

उन्होंने सोमवार को लगातार कई ट्वीट कर कहा कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया गया तो यह निचले तबके के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर सकता है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाना ‘आर्थिक हारा-किरी’ यानी इकोनॉमी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है.

निचले तबके को सबसे ज्यादा नुकसान

उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन ज्यादा लंबे समय तक बढ़ा तो आर्थिक हारा-किरी का जोखिम होगा. अर्थव्यवस्था का चलते रहना और आगे बढ़ना लोगों की जीविका के लिए प्रतिरक्षा तंत्र की तरह होता है. लॉकडाउन से यह प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है और सबसे ज्यादा हमारे समाज के विपन्न तबके को नुकसान पहुंचाता है.’

असल में हारा-किरी शब्द का मतलब आत्महत्या है. जापान में जब युद्ध में पराजित हो जाते थे तो वे बंदी बनाए जाने से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते थे. इस प्रथा को ही हारा-किरी कहते हैं.

लॉकडाउन खोलने की वकालत

गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा काफी समय से लॉकडाउन खोलने की वकालत कर रहे हैं और इसके पहले भी वे कई ट्वीट कर यह कह चुके हैं, कि ऑफिस जाकर काम करना वर्क फ्रॉम होम से बेहतर है.

लॉकडाउन से मिली है मदद

आनंद महिंद्रा ने एक ट्वीट में कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में नए मामलों की संख्या बढ़ी है. हमारी आबादी और बाकी दुनिया की तुलना में कम मामलों को देखते हुए जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, संक्रमण के नए मामलों में बढ़त अपरिहार्य है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की है. भारत ने अपनी सामूहिक लड़ाई से लाखों मौतों को टाला है. प्रति 10 लाख भारत की मृत्यु दर फिलहाल 1.4 ही है, जबकि वैश्विक औसत 35 और अमेरिका में औसत 228 है.’

गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण 4 मई से 17 मई तक लागू है. सबसे पहले लॉकडाउन 25 मार्च को लागू किया गया था. लॉकडाउन के तीसरे चरण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया है और इस बारे में सुझाव मांगे हैं कि कैसे और अधिक आर्थिक गतिविधियां चल सकती हैं.

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